UN on Kashmir Mediation, Pakistan ko Sanyukta Rashtra Se Jhatka: पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र से बड़ा झटका लगा है. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने से इनकार कर दिया है. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद पाक ने यूएन महासचिव से भारत की शिकायत की थी. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि दोनों देश आपस में बातचीत कर ही इस मसले को सुलझा सकते हैं.
नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी नीति साफ कर दी है. यूएन महासचिव के प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान आपस में बातचीत कर ही सुलझाए. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में शिकायत की थी. पाक ने इस मामले पर यूएन से दखल देने की मांग की थी. हालांकि यूएन ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की मध्यस्थता की मांग को ठुकरा दिया है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि कश्मीर पर मध्यस्थता के मामले पर उनका पक्ष पहले जैसा ही है. उन्होंने भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सरकारों से इस बारे में बात की है. जी-7 समिट के दौरान एंटोनियो गुटरेस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच चर्चा हुई थी. साथ ही पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी उनकी मुलाकात हुई है.
Stéphane Dujarric,Spox for UN Secretary-General on Kashmir: Our position on mediation has always remained the same. Secretary‑General has had contacts both with Govt of Pakistan&Govt of India. He saw PM of India at the sidelines of the G7.He had spoken to Pak Foreign Minister. pic.twitter.com/qYFHVjXMgN
— ANI (@ANI) September 11, 2019
पाकिस्तान को कश्मीर मसले को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर बुरी तरह खानी पड़ रही है. भारत को कश्मीर मुद्दे पर घेरने के लिए पाक पूरी तरह अलग-थलग पड़ता दिखाई दे रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने से भी इनकार कर दिया था. उन्होंने भी कहा था कि यह द्विपक्षीय मसला है और भारत-पाक इसे आपस में बातचीत कर ही सुलझा सकते हैं. साथ ही अरब के मुस्लिम राष्ट्र भी इस पर पाकिस्तान का साथ नहीं दे रहे हैं.
गौरतलब है कि मंगलवार को जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) के सत्र में भी भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधि आमने-सामने हुए थे. पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने यूएनएचसीआर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में लोग डर के माहौल में जी रहे हैं. उन्होंने वहां मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया.
इसके जवाब में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना भारत का आंतरिक मसला है, इसमें कोई भी देश दखलअंदाजी करे तो सही नहीं होगा. भारत ने पाकिस्तान के सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कश्मीर मेें विकास और शांति का माहौल लाने के लिए यह व्यवस्था की गई है. एक ऐसा देश जो आतंकवाद और आतंकियों को बरसों से पनाह देते आ रहा है वो यदि ऐसे मनगढ़ंत आरोप लगाए, यह उचित नहीं है.
अब पाकिस्तान और भारत के प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में आमने-सामने होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाक पीएम इमरान खान यूएन के वार्षिक सत्र को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी 27 सितंबर को यूएन को संबोधित करेंगे. इस दौरान दोनों देशों के बीच एक बार फिर कश्मीर मुद्दे पर आमना-सामना होने के कयास लगाए जा रहे हैं.