नई दिल्ली। आर्टिकल-370 की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज (11 दिसंबर) ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने का केंद्र सरकार का फैसला संविधान के दायरे में था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाना सही नहीं है। अब इस […]
नई दिल्ली। आर्टिकल-370 की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज (11 दिसंबर) ऐतिहासिक फैसला सुनाया। इस दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाए जाने का केंद्र सरकार का फैसला संविधान के दायरे में था। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाना सही नहीं है। अब इस पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया दी है।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि निराश हूं लेकिन हताश नहीं। संघर्ष जारी रहेगा…
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के खिलाफ सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यहां 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव करवाए जाएं। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर को बाकी भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया मजबूत हुई।
अनुच्छेद 370 को केंद्र सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को हटा दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में इस बात की जानकारी दी। अनुच्छेद 370 को हटाने के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर का दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजन कर दिया गया, जिसमें से एक जम्मू-कश्मीर तो दूसरा लद्दाख बना। अमित शाह ने संसद में कहा था कि अनुच्छेद 370 के प्रावधान लिंग, वर्ग, जाति और मूल स्थान के आधार पर भेदभाव करने वाले हैं। उन्होंने कहा था कि युवाओं को राजनीतिक अभिजात वर्ग के जरिए धोखा दिया जा रहा है। ये प्रावधान अस्थायी था और इसको जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए हटाना होगा।