नई दिल्ली: उमेश पाल के क़त्ल के 24 दिन बाद इस मामले में एक नया अपडेट सामने आया है। जी हाँ, 24 दिन बाद उनकी बीवी जया पाल ने यूपी योगी आदित्यनाथ की सरकार से गुहार लगाई है। इसमें उसने कहा कि आरोपी का सफाया कर पति की हत्या का बदला लिया जाए। जया पाल […]
नई दिल्ली: उमेश पाल के क़त्ल के 24 दिन बाद इस मामले में एक नया अपडेट सामने आया है। जी हाँ, 24 दिन बाद उनकी बीवी जया पाल ने यूपी योगी आदित्यनाथ की सरकार से गुहार लगाई है। इसमें उसने कहा कि आरोपी का सफाया कर पति की हत्या का बदला लिया जाए। जया पाल ने कहा कि उनके बच्चों को अब भी नहीं पता कि उनके पिता की हत्या हुई है। पीड़ित महिला के मुताबिक उसने बच्चों से कहा कि ”पिताजी अस्पताल में हैं।”
एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में जया पाल ने कहा, “बच्चे डरे हुए है। उन्हें बताया गया है कि उनके पिता को गोली मारी गई है, इसलिए वह अस्पताल में हैं। बच्चे कहते हैं पापा को ले आओ।” इतना कहकर जया पाल फूट-फूट कर रोने लगीं और चुप हो गईं। उन्होंने आगे कहा, “अतीक अहमद और उनके बेटों को जहाँ हैं वहाँ से ले जाओ और उन्हें यूपी में खत्म कर दो। शाइस्ता के साथ भी ऐसा ही होना चाहिए।”
क्या होगा अगर हम छोटे-छोटे गुर्गों को पकड़ लें? मेरा उमेश कलम से लड़ा। उन्हें जान का खतरा था और उन्हें सुरक्षा भी चाहिए थी। जब योगी का राज था तो हमें कोई डर नहीं था लेकिन हम गलत थे। अब मैं भी अपने आप को असुरक्षित महसूस करती हूँ। उमेश एक साधारण व्यक्ति थे। वो तो बस अतीक को सजा दिलाना चाहते थे।
जया ने अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन पर भी उमेश की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा, ”जब आदमी की हैसियत ऐसी हो तो शाइस्ता भी साजिश में शामिल होंगी। ”
उमेश पाल बसपा विधायक राजू पाल की हत्या का मुख्य गवाह था और पेशे से वकील भी था। उनकी माँ शांति पाल ने कहा कि उसका बेटा कलम से लड़ता है। शांति पाल ने कहा, “अतीक ने इतने गुंडे रखे। उसने चक्रव्यूह करके मेरे बेटे को मार डाला। इन लोगों को मार देना चाहिए जैसे उन्होंने मेरे बेटे को मार डाला। जैसे योगी ने कहा, हम इसे जमीन में मिला देंगे, जैसे मेरा बेटा जमीन में मिला दिया, वैसे ही हम अतीक को जमीन में मिला देंगे।
उमेश पाल और उनके दो गनर 24 फरवरी को प्रयागराज में मारे गए थे। इस घटना के लिए अतीक अहमद और उनके बेटे असद, उनकी पत्नी शाइस्ता परवीन, शूटर मोहम्मद गुलाम, अरमान, साबिर और गुड्डू मुस्लिम को जिम्मेदार ठहराया गया है। तमाम रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपियों के नेपाल भागने की आशंका जताई जा रही थी। ऐसे में लखीमपुर खीरी जिला पुलिस ने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है।