लखनऊ। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में पहली गोली चलाने वाले शूटर विजय चौधरी को सोमवार को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। इसे लेकर एक तरफ जहां सरकार के पक्ष के लोग पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं वहीं दूसरी ओर विजय चौधरी का परिवार, प्रशासन और सरकार पर सवाल उठा रहा है। ये मुठभेड़ प्रयागराज के कौंधियारा में सोमवार तड़के 5.30 बजे हुई। इस दौरान उस्मान चौधरी के गर्दन, सीने और जांघ में गोली लगी। विजय की पत्नी ने इसे फेक एनकाउंटर बताया है। सुहानी का कहना है कि पुलिस ने विजय को सुबह ही घर से उठाया था।
इस केस को लेकर विजय चौधरी उर्फ उस्मान की पत्नी सुहानी का आरोप है कि पुलिस ने रविवार शाम सात बजे उसी से पति को बुलवाया था। पुलिस पर भरोसा न होते हुए भी उसने विजय को घर बुलाया था। उसे जिसका डर था, वही हुआ भी। पुलिस ने विजय का एनकाउंटर कर दिया। विजय की पत्नी का कहना है की विजय 24 फरवरी को उसी के साथ था। वो कुछ देर के लिए बाहर गया था लेकिन बाद में वापिस आ गया था।
पत्नी सुहानी का कहना है कि पुलिस ने उससे वादा किया था कि उसे कुछ भी नहीं किया जाएगा। उसे उनकी बातों पर भरोसा नहीं था बावजूद वो उनकी बातों में आ गई और फिर उसने खुद ही विजय को बुलाया। पुलिस विजय को ले गई और फिर वो वापस नहीं लौटा।
जहां विजय की पत्नी ने ये बयान दिया वहीं पुलिस का कहना है कि हाथ में पॉलीथीन लिए हुए शख्स ही विजय था। प्रयागराज पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में शामिल पांच बदमाशों की शिनाख्त कर ली थी, लेकिन पुलिस पहली गोली चलाने वाले विजय को पहचान नहीं पा रही थी। इसके बाद पुलिस रविवार को पुलिस एक कॉल आई और उसने उमेश पाल पर पहली गोली चलाने वाले विजय उर्फ उस्मान के बारे में बताया।
इसके बाद प्रयागराज पुलिस ने आउटर एरिया में विजय उर्फ उस्मान को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। पुलिस ने विजय को पकड़ने की कोशिश की तो उसने फायरिंग करना शुरू कर दिया। इस दौरान एक सिपाही भी घायल हो गया। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विजय उर्फ उस्मान की मौत हो गई।
बता दें कि, उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी उस्मान चौधरी को सोमवार को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। उस्मान पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था। यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि यह मुठभेड़ प्रयागराज के कौंधियारा में हुई। वहीं, डीजीपी मुख्यालय की ओर से बताया गया है कि इस हत्याकांड में शामिल किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उसके गनर की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. उमेश के दूसरे गनर को भी इस दौरान गोली लगी थी. जिसकी बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई। उमेश पाल राजूपाल हत्याकांड में गवाह थे। उमेश के गाड़ी से उतरते ही बदमाशों ने उस पर फायरिंग कर दी थी। इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया था. इस फुटेज में एक शख्स हाथ में पॉलीथीन लिए हुए फायरिंग करता हुआ दिखा। इसने ही उमेश पाल पर पहली गोली चलाई थी।
मुठभेड़ में मारे गए शूटर उस्मान चौधरी का नाम पहले विजय चौधरी था। माफिया अतीक अहमद ने उसका धर्म परिवर्तन कराया था। यूपी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि विजय के धर्म परिवर्तन को लेकर जांच चल रही है। उन्होंने विजय चौधरी के उस्मान बनने को लेकर एक माफिया की तरफ इशारा किया। बताया जा रहा है कि ये माफिया कोई और नहीं बल्कि अतीक अहमद है। लेकिन सवाल ये उठता है कि उमेश पाल पर गोली चलाने के बाद विजय चौंकाना क्यों नहीं था। कहा जा रहा कि विजय को लग रहा था कि पुलिस उसे नहीं पकड़ पाएगी।
एडीजी प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि कौंधियारा के भागोकर गांव निवासी उस्मान का नाम पुलिस ने सार्वजनिक नहीं किया था। उस्मान के ऊपर उसके गांव में मुक़दमे दर्ज थे। उस्मान ने गांव की ब्राह्मण लड़की के साथ शादी कर ली थी। वहीं उसका बड़ा भाई राकेश चौधरी भी आपराधिक प्रवृत्ति का है। वह पिछले दो महीने से नैनी जेल में है। शंकरगढ़ कौंधियारा में उसके ऊपर कुल 14 मुकदमे दर्ज हैं।
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