लखनऊ। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में पहली गोली चलाने वाले शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान को सोमवार को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। इसे लेकर एक तरफ जहां सरकार के पक्ष के लोग पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं वहीं दूसरी ओर विजय चौधरी का परिवार, प्रशासन और सरकार पर सवाल […]
लखनऊ। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में पहली गोली चलाने वाले शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान को सोमवार को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। इसे लेकर एक तरफ जहां सरकार के पक्ष के लोग पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं वहीं दूसरी ओर विजय चौधरी का परिवार, प्रशासन और सरकार पर सवाल उठा रहा है। ये मुठभेड़ प्रयागराज के कौंधियारा में सोमवार तड़के 5.30 बजे हुई। इस दौरान उस्मान के गर्दन, सीने और जांघ में गोली लगी।
बता दें कि, उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी उस्मान चौधरी को सोमवार को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। खबरों के मुताबिक गुलाम हसन के माध्यम से विजय की अतीक गिरोह में इंट्री हुई थी। कहा जाता है कि उसकी काबिलियत को देखकर ही उमेश पाल की हत्या के लिए उसे चुना गया था। इस हत्याकांड के सभी चकिया पहुंचे। यहां के बाद विजय उर्फ़ उस्मान कहीं भाग निकला। सूत्र बताते हैं कि वह इस हत्याकांड के बाद बुंदेलखंड के एक जिले में रह रहा था। खबरे हैं कि उमेश पाल से जुड़े हर समाचार पर उसकी नजरे थी और जब उसे लगा कि अब उसका नाम कहीं नहीं आया है तो उसने राहत की सांस ली। उस्मान उर्फ़ विजय को लगने लगा कि वो बच गया। इसके बाद अति आत्मविश्वास में वो 3 फरवरी को अपने गांव चला गया। हालांकि वो अपने मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था और न ही वो अपने घर पर रह रहा था। वो गांव के एक घर में रह था लेकिन पुलिस उस तक पहुंच गई।
गुलाम हसन की सीडीआर से पुलिस विजय उर्फ उस्मान का पता लगाया। घटना से पहले गुलाम और विजय के बीच काफी बातें भी हुई थी। विजय का मोबाइल स्विच ऑफ था। जिसके बाद पुलिस ने उसकी भी सीडीआर निकलवाई।
इस केस को लेकर विजय चौधरी उर्फ उस्मान की पत्नी सुहानी का आरोप है कि पुलिस ने रविवार शाम सात बजे उसी से पति को बुलवाया था। पुलिस पर भरोसा न होते हुए भी उसने विजय को घर बुलाया था। उसे जिसका डर था, वही हुआ भी। पुलिस ने विजय का एनकाउंटर कर दिया। विजय की पत्नी का कहना है की विजय 24 फरवरी को उसी के साथ था। वो कुछ देर के लिए बाहर गया था लेकिन बाद में वापिस आ गया था।
पत्नी सुहानी का कहना है कि पुलिस ने उससे वादा किया था कि उसे कुछ भी नहीं किया जाएगा। उसे उनकी बातों पर भरोसा नहीं था बावजूद वो उनकी बातों में आ गई और फिर उसने खुद ही विजय को बुलाया। पुलिस विजय को ले गई और फिर वो वापस नहीं लौटा।
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