नई दिल्लीः केंद्र सरकार और असम सरकार के साथ यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम ( ULFA) के वार्ता समर्थक गुट ने शुक्रवार यानी 29 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसे शांति समझौता कहा जा रहा है। गृह मंत्री ने जारी किया बयान गृह […]
नई दिल्लीः केंद्र सरकार और असम सरकार के साथ यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम ( ULFA) के वार्ता समर्थक गुट ने शुक्रवार यानी 29 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसे शांति समझौता कहा जा रहा है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर कहा कि लंबे समय से असम और पूरे नॉर्थ ईस्ट ने हिंसा झेली है। पीएम मोदी की प्रेरणा से शांति और बातचीत के लिए खुले दिल से समझौता किया गया है। 9000 से ज्यादा चरमपथियों ने अब तक पूर्वोत्तर में सरेंडर किया है। आज के त्रिपक्षीय समझौते से सभी को फायदा पहुंचेगा।
वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि आज असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल और गृह मंत्री अमित शाह के कार्यकाल में असम में शांति प्रक्रिया लागू करने की प्रक्रिया निरंतर जारी है।
बता दें कि उल्फा भारत के पूर्वेतर राज्य असम में एक आतकंवादी संगठन है। इसका गठन 1997 में परेश बरुआ ने अपने साथी अरविंद राजखोवा, गोलाप बरुआ उर्फ अनुप चेतिया, प्रदीप गोगोई और भद्रेश्वर गोहेन के साथ किया था। इस संगठन बनाने का लक्ष्य असम को एक स्वायत्त और संप्रभु राज्य बनाने का था। उल्फा शुरु से ही आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है। बता दें कि सरकार ने इसपर प्रतिबंध भी लगा दिया था।
ये भी पढ़ेः
New Year Party Songs: बॉलीवुड के इन धमाकेदार गानों के साथ मनाएं न्यू ईयर पार्टी
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना से 6 की मौत, सब वैरिएंट JN.1 के अब तक 109 केस मिले