नई दिल्ली : विश्व प्रसिद्ध श्रीमहाकालेश्वर मंदिर में आज फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी को सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही पांडे पुजारी ने सोमवार तड़के भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में स्थापित सभी देवताओं की मूर्तियों की पूजा की दूध, दही, घी, शकर और फलों के रस से बने पंचामृत से भगवान महाकाल […]
नई दिल्ली : विश्व प्रसिद्ध श्रीमहाकालेश्वर मंदिर में आज फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी को सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही पांडे पुजारी ने सोमवार तड़के भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में स्थापित सभी देवताओं की मूर्तियों की पूजा की दूध, दही, घी, शकर और फलों के रस से बने पंचामृत से भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना भी की गई, पहली घंटी बजाने के बाद उन्होंने हरिओम को जल अर्पित किया. बता दें कि कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट और रुद्राक्ष और फूलों की माला भी पहनाई गई.
आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि आज नवमी की भस्मआरती में बाबा महाकाल का त्रिपुंड और चन्द्र धारण करवाकर श्रृंगार किया गया। मावा, इलायची, अंगूर, चेरी से बाबा महाकाल को सजाया गया और मखाने व कमल के फूलों की माला भी पहनाई गई, और नमकीन का भोग लगाया गया. दरअसल श्रृंगार के बाद बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई.
बता दें कि प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया, और कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट और रुद्राक्ष व पुष्पों की माला धारण करवाई गई. भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया, और इस दौरान पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया.
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