UIDAI ला रहा है नया विकल्प, अब फिंगरप्रिंट और उंगलियों के अलावा चेहरे के जरिए भी होगी आपके आधार की पहचान

UIDAI लोगों की पहचान के लिए एक और टेक्नोलॉजी ला रहा है- फेस ऑथेन्टिकेशन. इस फीचर से उन सब लोगों को मदद मिलेगी, जिन्हें फिंगरप्रिट से पहचान में दिक्कत है. यह सुविधा उन सभी बुजुर्गों और ज्यादा काम करने वालों की पहचान में मदद करेगी जो अपने खराब हो चुके फिंगरप्रिंट्स की वजह से बॉयोमेट्रिक ऑथेन्टिकेशन नहीं करा पाते हैं.

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UIDAI ला रहा है नया विकल्प, अब फिंगरप्रिंट और उंगलियों के अलावा चेहरे के जरिए भी होगी आपके आधार की पहचान

Aanchal Pandey

  • January 15, 2018 5:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने आधार आधार सत्यापन के लिए उन लोगों को सहूलियत देने का फैसला किया है जिन्हें उंगलियों और आंखों की पुतलियों की पहचान में दिक्कत होती है. इसके लिए UIDAI ने अब उंगलियों के निशान तथा आंखों की पुतलियों के अतिरिक्त चेहरे की पहचान को भी शामिल करने की अनुमति दी है. यह नया फीचर 1 जुलाई से लागू हो जाएगा. रजिस्टर्ड डिवाइसेज पर पहचान के मौजूदा साधनों में अभी उंगली और आंख की पुतलियों के जरिए ही पहचान का विकल्प है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि इन डिवाइसेज में अब इनके साथ चेहरे से पहचान का विकल्प भी जुड़ जाएगा.

माना जा रहा है कि चेहरे का पहचान वाला फीचर फिंगरप्रिंट, आइरिश या ओटीपी में से किसी एक के साथ ही आएगा. न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, ‘जिन लोगों के बोयोमेट्रेकि ऑथेंटिकेशन में फिंगरप्रिंट की दिक्कतों, बुढ़ापे या कठिन कार्य करते रहने की वजह से समस्या आती है यह सुविधा उन लोगों के समेकित सत्यापन में मदद करेगी.’ इसके अलावा, जरूरत के आधार पर भी नई सुविधा पाने की अनुमति दी जाएगी. प्राधिकरण के सीईओ अजय भूषण पांडे ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है

अभी हाल के दिनों में जिस तरह से आधार डेटा चोरी होने की खबरें सामने आई थीं इससे बचने के लिए हाल ही में 16 अंकों की वर्चुअल आईडी लाने का ऐलान किया गया है. वर्चुअल आईडी को वेबसाइट से जेनरेट कर सिम वेरिफिकेशन से लेकर विभिन्न जरूरतों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा. वर्चुअल आईडी बनाने के बाद सत्यापन के लिए वास्तविक आधार नंबर किसी को बताने की जरूरत नहीं रहेगी. हाल ही में कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने भरोसा दिलाया था कि आधार सिस्टम में स्टोर फिंगरप्रिंट और आइरिश डेटा पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने कहा था, ‘(आधार) सिस्टम में मेरी उंगलियों के निशान और आखों की पुतलियां के रिकॉर्ड सुरक्षित तरीके से रखे हैं. करोड़ों कोशिशों के बावजूद इनकी सुरक्षा में सेंध नहीं लगाया जा सकता.

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