नई दिल्ली. यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने नई घोषणा करते हुए चेहरे के पहचान यानी फेस रिकग्निशन को अनिवार्य कर दिया है. अभी लोगों को सिम कार्ड खरीदते समय, ऑफिस में उपस्थिति और पीडीएस के लिए आधार सत्यापन के लिए जरूरत पड़ती है. यूआईडीआई ने अब आधार प्रमाणित करवाने के लिए फेस रिकग्निशन को अनिवार्य कर दिया है. इसे पूरी तरह लागू होने के बाद ऑफिसों में फिंगर प्रिंट के जरिए नहीं बल्कि चेहरा दिखा कर उपस्थिति दर्ज करनी होगी.
यूआईडीएआई ने कहा कि इसे लागू करने के लिए कई चरणों में लागू किया जाएगा. इसका पहला चरण 15 सितंबर से लागू होगा. इस सुविधा को सबसे पहले मोबाइल सिम कार्ड लेने की प्रक्रिया में शुरू किया जाएगा. जिसके बाद अब नया सिम कार्ड लेने के लिए ग्राहकों को लाइव फेस फोटो से गुजरना पड़ेगा. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को चिट्ठी लिखकर इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा है. साथ ही न पूरा करने वाली कंपनियों को जुर्माना भरना पड़ेगा.
अंगूठे का निशान और फोटो तो पहले से ही आधार के रिकॉर्ड में शामिल है. अब लाइव फोटो के जरिए चेहरे की पहचान का सत्यापन किया जाएगा. सत्यापन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जो इस सत्यापन में फेल हो जाएगा तो उस पर आपराधिक केस दर्ज होगा. साथ ही आधार एक्ट 2016 के सेक्शन 42-43 के अंतर्गत जेल तक की सजा हो सकती है. यूआईडीएआई ने कहा कि कुछ बुजुर्गो, किसानों व कामकाज वाले लोगों के फिंगरप्रिंट लेने में दिक्कत आती है. इसीलिए फेस रिकग्निशन के तहत ऐसी दिक्कतों से छुटकारा पाया जा सकता है.
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