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उदयपुर हत्याकांड: दर्जी कन्हैया लाल का कातिल कौन? जानें क्या है आतंकी कनेक्शन?

जयपुर। राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई. जिसके बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है. प्रशासन ने पूरे उदयपुर में धारा 144 लागू कर दी है. वहीं कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पुलिस ने हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया हैं. पुलिस […]

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उदयपुर हत्याकांड: दर्जी कन्हैया लाल का कातिल कौन? जानें क्या है आतंकी कनेक्शन?
  • June 29, 2022 11:42 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

जयपुर। राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या कर दी गई. जिसके बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है. प्रशासन ने पूरे उदयपुर में धारा 144 लागू कर दी है. वहीं कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है. पुलिस ने हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया हैं. पुलिस ने आरोपी रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद को राजस्थान के राजसमंद से गिरफ्तार किया. बता दें कि टेलर कन्हैया लाल की हत्या के बाद दोनों आरोपी बाइक से पुलिस बैरिकेडिंग तोड़कर भाग रहे थे तभी जानकारी मिलने के तुरंत बाद पुलिस ने उनका पीछा किया और राजसमंद में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.

कौन हैं कन्हैया लाल के हत्यारे?

बता दें कि कन्हैया लाल की बेरहमी से हत्या करने वाले दोनों आरोपी की पहचान हो चुकी हैं. दोनों की पहचान उदयपुर के सूरजपोल क्षेत्र के निवासी गौस मोहम्मद, बेटे रफीक मोहम्मद और अब्दुल जब्बार के बेटे रियाज के रूप में की गई है. राजसमंद के पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि, आरोपियों की पहचान की पुष्टि हो गई है.

आतंकी घटनाओं में शामिल होने का शक!

दर्जी कन्हैया की हत्या करने वाले आरोपियों ने जुर्म को स्वीकार करते हुए वीडियो पोस्ट किया था. इन दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जिनमें से एक की पहचान रियाज अख्तरी के रूप में की गई. अख्तरी के संबंध पाकिस्तान स्थित दावत-ए-इस्लामी से बताया जा रहा है. इस संगठन की भारत में भी ब्रांच हैं. दावत-ए-इस्लामी के कुछ मेंबर 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की हत्या समेत कई आतंकी घटनाओं में शामिल थे. आशंका जताई जा रही है कि हमलावरों के ISIS से संबंध हो सकते हैं. पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों को राजसमंद जिले के भीम क्षेत्र से दबोचा गया.

क्यों हुई कन्हैया लाल की हत्या?

हमलावरों ने इस वारदात को इसलिए अंजाम दिया क्योंकि कन्हैया लाल ने कुछ दिनों पहले नूपुर शर्मा के पैगंबर पर विवादित टिप्पणी के समर्थन में एक पोस्ट किया था. 10 मई को कन्हैया लाल पर मुकदमा दर्ज हुआ था और फिर उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी. कोर्ट में पेशी के बाद उनकी बेल हो गई थी. परिजनों का आरोप है कि लगातार धमकियों से कन्हैयालाल काफी परेशान थे. इस कारण से कई दिन तक अपनी दुकान नहीं खोली थी.

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