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UAPA Amendment Bill Passed in Rajya Sabha: यूएपीए संशोधन बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पारित, गृह मंत्री अमित शाह बोले- संस्थान नहीं व्यक्ति है आतंकी

UAPA Amendment Bill Passed in Rajya Sabha: गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन विधेयक (यूएपीए) लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पारित हो गया है. सदन में विधेयक के पक्ष में 147 और विपक्ष में सिर्फ 42 वोट पड़े. गृह मंत्र अमित शाह ने सदन में कहा कि संस्थान नहीं बल्कि एक व्यक्ति आतंकवादी होता है.

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UAPA Amendment Bill Passed in Rajya Sabha: Narendra modi amit shah bjp Unlawful Activities Prevention Amendment Bill passed Rajya Sabha After lok sabha
  • August 2, 2019 2:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. तीन तलाक और आरटीआई के बाद  नरेंद्र मोदी सरकार का गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम संशोधन विधेयक (यूएपीए) लोकसभा के बाद राज्यभा में पास हो गया है. विधेयक के पक्ष में 147 और विपक्ष में 42 वोट पड़े. वहीं कांग्रेस की विधेयक को चयन समिति के पास भेजने की मांग का प्रस्ताव भी 85 वोट पक्ष और 104 वोट विपक्ष के साथ गिर गया. विपक्ष ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह अपने फायदे के लिए इस विधेयक का दुरुपयोग कर सकती है. गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब देते हुए सदन में कहा कि इस विधेयक में बदलाव की जरूरत है क्योंकि घटनाएं संस्थान नहीं बल्कि एक व्यक्ति करता है.

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर आतंकवादी संस्थाओं पर प्रतिबंधन लगा दें तो उसे संचालित करने वाला व्यक्ति दूसरे नाम से अबपनी संस्था शुरू कर देता है. गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी संस्था व्यक्ति से बनती है. किसी भी घटना को अंजाम संस्थान नहीं बल्कि व्यक्ति देता है. इसलिए किसी भी व्यक्ति के इरादे पर बिना रोक लगाए उसकी गतिविधियों को रोका नहीं जा सकता है. अमित शाह ने आगे कहा कि सरकार एक संस्था पर प्रतिबंध लगाते हैं तो वह कुछ दिनों बाद दूसरी संस्था बना लेता है, इसी वजह से उस व्यक्ति पर ही प्रतिबंध बहुत जरूरी है.

बिल पारित होने के बाद अमित शाह ने सदन में कहा कि आतंकी अगर 2 कदम बढ़ते हैं तो हमारी एजेंसियों को 4 कदम आगे बढ़ना होगा. UAPA कानून और इसके संशोधन कांग्रेस के समय में आए थे. भाजपा ने हर संशोधन का समर्थन किया था. आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता वह किसी व्यक्ति या सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि इंसानियत के खिलाफ है.

गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि 31 जुलाई, 2019 तक NIA ने कुल 278 मामले कानून के अंतर्गत दर्ज किए गए. 204 मामलों में आरोप पत्र दायर हुए और 54 मामलों में फैसला आया है. इन 54 में से 48 मामलों में सजा हुई है, सजा की दर 91% है. दुनिया की सभी एजेंसियों में NIA की सजा की दर सबसे ज्यादा है.

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