नई दिल्ली: ट्विटर पर कभी संघ, भाजपा और तमाम हिन्दूवादी ट्रॉल्स की पसंदीदा सेलिब्रिटी रहीं राष्ट्रवादी एक्टिविस्ट सोनम महाजन देश में यौन शोषण के खिलाफ चल रहे मी टू कैंपेन के तहत अपने साथ हुई गलत हरकत पर खुलकर नहीं बोल पा रही हैं क्योंकि बीजेपी सांसद राजीव चंद्रशेखर की कंपनी एशियानेट के सीओओ अभिनव खरे ने बेंगलुरू कोर्ट से उनके इस बार बात करने पर रोक का आदेश ले रखा है. सोनम महाजन ने ट्विटर पर यौन शोषण के आरोप को लेकर एक बयान जारी किया है और सीधे-सीधे राजीव चंद्रशेखर और अभिनव खरे का नाम लेकर कहा है कि जब वो कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए चुप थीं तो दूसरी तरफ राजीव चंद्रशेखर और अभिनव खरे उनके खिलाफ बयान जारी कर रहे हैं.
सोनम के समर्थन में काफी ट्विटर सेलिब्रिटी लिख और बोल रहे हैं तो कुछ उनके खिलाफ भी लिख रहे हैं और अभिनव खरे के उस आरोप का समर्थन कर रहे हैं कि सोनम महाजन उनको ब्लैकमेल कर रही हैं. नम्मा बेंगलुरू फाउंडेशन ने सोनम महाजन को निकाल दिया है और कहा है कि वो एक साल के कॉन्ट्रैक्ट पर आई थीं जो समय 8 अक्टूबर, 2018 को खत्म हो गया.
सोनम महाजन का दावा है कि सांसद राजीव चंद्रशेखर का काम करने के लिए उनको एनजीओ नम्मा बेंगलुरू फाउंडेशन के पे-रोल पर रखा गया था और वो अभिनव खरे को रिपोर्ट करती थीं जो राजीव चंद्रशेखर का खास आदमी है और उनकी कंपनी एशियानेट का सीओओ भी है. सोनम ने ये काम 9 अक्टूबर, 2017 को शुरू किया था और एक महीने के बाद 16 नवंबर, 2017 को उन्होंने अभिनव खरे पर यौन शोषण का आरोप लगाते हुए राजीव चंद्रशेखर को शिकायत की.
सोनम का दावा है कि एनजीओ ने पहले तो उन पर समझौता के लिए दबाव बनाया लेकिन जब वो नहीं झुकीं तो 1 दिसंबर को एक जांच कमिटी बनाई गई. इस कमिटी ने जून, 2018 में अपनी सिफारिश में अभिनव खरे पर कड़ी कार्रवाई करने की बात की. कमिटी के इस फैसले के खिलाफ खरे कोर्ट चले गए और कोर्ट से स्टे ले लिया. इस बीच मी टू कैंपेन शुरू हो गया तो खरे फिर कोर्ट गए और कोर्ट से ये आदेश ले लिया कि इस मामले पर सोनम महाजन, नम्मा बेंगलुरू फाउंडेशन के कुछ भी बोलने पर रोक लगाई जाए क्योंकि इससे उनकी इज्जत चली जाएगी.
अंग्रेजी वेबसाइट द वायर में सोनम महाजन के इस मामले पर छपी रिपोर्ट पर राजीव चंद्रशेखर के दफ्तर से बयान जारी करके बताया गया है कि सोनम महाजन राजीव चंद्रशेखर की टीम या ऑफिस में काम नहीं करती थीं बल्कि वो उनके शुरू नम्मा बेंगलुरू फाउंडेशन में काम करती थीं जिसका सीईओ अलग है. बयान में ये भी कहा गया है कि राजीव चंद्रशेखर आज तक सोनम से कभी नहीं मिले सिवाय एक बार उसी ऑफिस में सीढ़ियों के पास लॉबी में, कभी उनसे बात नहीं की. राजीव चंद्रशेखर के बयान में बताया गया है कि सांसद ने शिकायत मिलने के बाद ये गारंटी की कि नम्मा बेंगलुरू फाउंडेशन शिकायत पर तेजी से कार्रवाई करे और कानून के तहत शिकायतकर्ता को इंसाफ दिलाए. वहीं नम्मा बेंगलुरू फाउंडेशन ने भी वायर की रिपोर्ट के जवाब में बयान जारी करके कहा है कि कोर्ट के आदेश के कारण वो मामले पर ज्यादा नहीं बोल सकते लेकिन उन्होंने कानून सम्मत कार्रवाई की है और वो कोर्ट में मामले पर नहीं बोलने वाले स्टे के खिलाफ अपील करेंगे.
द वायर की रिपोर्ट में राजीव चंद्रशेखर, उनके एनजीओ नम्मा बेंगलुरू फाउंडेशन और अभिनव खरे के निशाने पर चल रहीं सोनम महाजन के खिलाफ कोर्ट के आदेश को लेकर एक मजेदार संयोग का जिक्र किया गया है कि अभिनव खरे के वकील उसी लीगल फर्म के थे जिस फर्म के वकील ने द वायर के खिलाफ राजीव चंद्रशेखर का केस लड़कर द वायर के खिलाफ भी एक्स पार्टी इंजक्शन लिया था.
द वायर की रिपोर्ट का इशारा ये है कि अभिनव खरे को राजीव चंद्रशेखर सपोर्ट कर रहे हैं नहीं तो एक ही फर्म का वकील और उनकी ही कंपनी की सीओओ, उनके ही एनजीओ के खिलाफ कोर्ट क्यों जाएगा. अभिनव खरे का आरोप है कि सोनम महाजन का काम में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था और वो जानबूझकर झूठे आरोप लगा रही हैं. खरे का आरोप है कि नम्मा बेंगलुरू फाउंडेशन ने उन्हें एड हॉक कमिटी के सामने पेश किया जबकि उन्हें बताया गया था कि ये आंतरिक शिकायत समिति है.
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