नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद 28 अगस्त को सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को जमींदोज़ कर दिया गया. इन इमारतों को गिराए जाने को लेकर एमेरल्ड कोर्ट सोसाइटी के निवासियों ने सालों तक अदालत में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और अब जब भ्रष्टाचार की ये इमारतें ध्वस्त कर दी गई तो यहां […]
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद 28 अगस्त को सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर को जमींदोज़ कर दिया गया. इन इमारतों को गिराए जाने को लेकर एमेरल्ड कोर्ट सोसाइटी के निवासियों ने सालों तक अदालत में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और अब जब भ्रष्टाचार की ये इमारतें ध्वस्त कर दी गई तो यहां के निवासी चाहते हैं कि उस जगह पर एक मंदिर बनाया जाए.
इमारत गिराए जाने के बाद वहां काफी मलबा पड़ा है, इसे साफ करने में लगभग तीन महीने का समय तो लगेगा ही. इस बीच एमेरल्ड कोर्ट सोसाइटी की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक में एक प्रस्ताव लाया गया है जिसमें कहा गया है कि जहां इमारत खड़ी थी, वहां पर एक छोटा सा भव्य मंदिर बनाया जाए. सोमवार को एमेरल्ड कोर्ट सोसाइटी के आरडब्ल्यूए के बीच बैठक हुई थी जहां कई सदस्यों ने यह प्रस्ताव दिया कि जहां इमारत गिराई गई है वहां बच्चों के पार्क के साथ-साथ एक छोटा सा भव्य मंदिर भी बनाया जाए, वहीं इस प्रस्ताव को 100 से ज्यादा निवासियों ने अपना समर्थन दिया. हालांकि नियमों के मुताबिक इस पर फैसला लेने के लिए आरडब्लूए में दो तिहाई बहुमत की जरूरत है.
सोसाइटी की आरडब्ल्यूए के सदस्य और बोर्ड मेंबर गौरव मेहरोत्रा ने बताया है रविवार को बोर्ड के 9 सदस्यों की बैठक होनी है जिसमें इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से लाया जाएगा और फिर इस प्रस्ताव को आपातकालीन जनरल मीटिंग में सभी 560 सदस्यों के सामने रखा जाएगा और तब इस पर वोटिंग होगी, इसके बाद ही मंदिर बनाए जाने का फैसला लिया जाएगा. बता दें इससे पहले ट्विन टावर वाली जगह पर पार्क बनाने की बात कही जा रही थी.