नई दिल्ली. Turkey inflation high rate पाकिस्तान की गिरती हुई इकॉनमी की वजह से महंगाई आसमान छू रही है. कुछ ऐसा ही हाल उसके पड़ोसी देश तुर्की का भी है. तुर्की में इस वक़्त लोग भयंकर महंगाई की मार झेल रहे है. सब्सिडी पर मिल रही सस्ती ब्रेड के लिए यहां लोग लम्बी कतारों में खड़े हैं. यहां तक कि रोजमर्रा की चीजे जैसे दूध, दवाइयों और दैनिक इस्तेमाल की सभी जरूरी वस्तुएं भी बहुत महंगी मिल रही हैं. महंगाई से लोग परेशान होकर सड़को पर प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस सब के जिम्मेदार उनके राष्ट्रपति रजब तैयब इरदुगान है क्योकि उनकी आर्थिक नीतियां ठीक नहीं हैं.
तुर्की में ब्रेड दैनिक इस्तेमाल में सबसे ज़्यादा बिकने वाला भोजन है. आंकड़ों के मुताबिक यहां एक साल में प्रति व्यक्ति ब्रेड की खपत औसतन 200-300 किलो है. ऐसे में यहां ब्रेड की कीमतें आसमान छू रही है. तुर्की में सब्सिडी पर मिलने वाले 250 ग्राम की सस्ती ब्रेड की कीमत 6.87 रुपए है. वहीं, बेकरी पर 250 ग्राम ब्रेड कम से कम 14 रुपए में मिल रहा है. सस्ती ब्रेड खरीदने के लिए लोग लम्बी-लम्बी कतारों में घंटो भर खड़े हैं.
तुर्की के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह सब राष्ट्रपति की अपरंपरागत आर्थिक नीतियों का परिणाम है. उन्होंने सभी लोगों को नौकरी से निकाल दिया जो उनके खिलाफ बोलते थे. राष्ट्रपति ने तुर्की में ब्याज दर को कम करने का आदेश दिया था. उनका मानना है कि इससे देश में आर्थिक विकास होगा और विदेशी निवेश बढ़ेगा. हालांकि, उनकी इस नीति से देश में महंगाई आसमान छू रही है और लोग राष्ट्रपति का जमकर विरोध कर रहे हैं.
इस्तांबुल नगर पालिका के मेयर ने बताया कि तुर्की में महंगाई की दर 21 फीसदी के पार चली गई है. उन्होंने कहा कि शहर में रहने की लागत में एक वर्ष में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है. साथ ही, गेहूं की कीमत में 109 प्रतिशत, सूरजमुखी के तेल में 137 फीसदी , टॉयलेट पेपर में 90 फीसदी , चीनी में 90 फीसदी और प्राकृतिक गैस के 102 फीसदी की वृद्धि हुई है.
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