ट्रिपल तलाक: शुक्रवार को लोकसभा में बिल पेश करेगी केंद्र सरकार, 3 साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान

लोकसभा में आज ट्र‌िपल तलाक को गैरकानूनी और गैर जमानती अपराध बनाने के लिए आज बिल पेश हो सकता है. कैबिनेट ने मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को पिछले हफ्ते ही मंजूरी दी थी. भाजपा की केंद्र सरकार ने इस बिल को पास कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. इसके लिए बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को इस मौके पर संसद में ही मौजूद रहने को व्हिप जारी किया है. बता दें कि ट्र‌िपल तलाक बिल का मसौदा तैयार करने से पहले मुस्लिम संगठनों से राय नहीं ली गई थी. सरकार ने खुद लोकसभा में यह जानकारी दी.

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ट्रिपल तलाक: शुक्रवार को लोकसभा में बिल पेश करेगी केंद्र सरकार, 3 साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान

Aanchal Pandey

  • December 21, 2017 7:51 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्ली. देश में मुस्लिम समाज में प्रचलित तीन तलाक को रोकने संबंधित मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक आज लोकसभा में पेश हो सकता है. इसे ट्रिपल तलाक बिल भी कहा जाता है. केंद्र की बीजेपी सरकार तीन तलाक को गैर जमानती अपराध बनाने के लिए इस विधेयक को पेश करने जा रही है. बीजेपी की ओर से पार्टी के सभी सांसदों को व्हिप जारी कर इस मौके पर संसद में मौजूद रहने का आदेश दिया गया है. इस बिल में एक बार में तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है. बताया जा रहा है कि कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ये तीन तलाक बिल पेश करेंगे. यह कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा.

इस बिल के बारे में बुधवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि तीन तलाक के खिलाफ विधेयक तैयार करने में मुस्लिम संगठनों से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया है. प्रसाद ने कहा कि यह मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है, जिसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है. रवि शंकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक बार में तीन तलाक को अवैध करार दिया, लेकिन इसके बाद भी ऐसे 66 मामले सामने आए हैं.

इससे वहीं केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार तीन तलाक को लेकर कानून बनाने जा रही है. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह कानून किसी को परेशान करने के लिए नहीं होगा. वहीं अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने मंत्रिमंडल द्वारा तीन तलाक पर विधेयक को मंजूरी दिए जाने पर मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया है.

इससे पहले केंद्रीय कैबिनेट ने तीन बार तलाक बोलकर तलान देने पर तीन साल की जेल के प्रावधान वाले बिल को मंजूरी दे दी थी. बिल के मुताबिक तीन तलाक को गैर जमानती अपराध भी बनाने की तैयारी है. बिल के मुताबिक, एक बार में ट्रिपल तलाक देना अवैध माना जाएगा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के चलन को निरस्त कर दिया था.

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