ट्रिपल तलाक बिल पर गुरुवार को राज्यसभा में भारी हंगामे के बाद एक बार फिर सदन की कार्यवाही को शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. शाम साढ़े 4 बजे से शुरू हुई बहस करीब डेढ़ घंटे तक चली, इस दौरान तीन तलाक बिल पर चर्चा नहीं हो सकी. बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्ष पिछले दो दिनों से इस बिल पर चर्चा से बच रहा है. कांग्रेस पार्टी मुस्लिम महिलाओं को हक दिलाने वाले बिल की राह में रोड़ा अटका रही है. टीएमसी सांसद डेरेक-ओ-ब्रायन ने कहा कि यह साफ है कि बीजेपी नहीं बल्कि विपक्ष मुस्लिम महिलाओं का सशक्त करना चाहता है. नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने बिल को मुस्लिम महिला विरोधी बताया तो वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस तीन तलाक बिल को बर्बाद करना चाहती है.
नई दिल्लीः ट्रिपल तलाक बिल पर गुरुवार को राज्यसभा में भारी हंगामे के बाद एक बार फिर सदन की कार्यवाही को शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. शाम साढ़े 4 बजे से शुरू हुई बहस करीब डेढ़ घंटे तक चली, इस दौरान तीन तलाक बिल पर चर्चा नहीं हो सकी. बहस के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ है. कांग्रेस और सभी विपक्षी दलों की मांग है कि सरकार को इस बिल को पहले सलेक्ट कमेटी के पास भेजना चाहिए. राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर बहस के दौरान सदन में कई मुस्लिम महिलाएं और प्रतिनिधि मौजूद रहे.
नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार को हमारे सुझावों को नजरअंदाज न करते हुए इन पर विचार करना चाहिए. बिल के कुछ प्रावधानों पर विपक्षी दलों को आपत्ति है, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए. गुलाम नबी आजाद ने कहा कि तलाकशुदा महिला की मदद के लिए कानून बने. वहीं उन्होंने बिल में आरोपी व्यक्ति को जेल भेजने के प्रावधान को गलत ठहराया. आजाद ने कहा कि अगर पति जेल गया तो परिवार का ख्याल कौन रखेगा? नेता प्रतिपक्ष को जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बिल में संशोधन के लिए 24 घंटे पहले नोटिस देना होता है. कांग्रेस तीन तलाक बिल को बर्बाद करना चाहती है. सुधार के बहाने बिल को लटकाने का प्रयास किया जा रहा है. बहस के दौरान जेटली ने आजाद से पूछा कि लोकसभा में बिल पर कांग्रेस ने शर्तें क्यों नहीं रखीं? सजा के मुद्दे पर बोलते हुए जेटली ने कहा कि बिल में जमानत का प्रावधान दिया गया है, विपक्ष बेवजह बिल के मसले पर बेफिजूल मुद्दे उठा रहा है.
बहस के दौरान टीएमसी सांसद डेरेक-ओ-ब्रायन ने कहा कि यह साफ है कि बीजेपी नहीं बल्कि विपक्ष मुस्लिम महिलाओं का सशक्त करना चाहता है और इस बिल को लेकर सरकार की पोल खुल चुकी है. टीएमसी सांसद को जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘ऐसा बिल्कुल नहीं है. अगर आप महिलाओं का सशक्तिकरण चाहते हो तो क्यों इस बिल पर चर्चा से भाग रहे हो. अब बिल पर चर्चा करो.’ स्मृति ईरानी ने कहा कि विपक्ष बेनकाब को गया है. विपक्ष पिछले दो दिनों से ट्रिपल तलाक बिल पर चर्चा से बच रहा है. स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी के दोहरे रवैये से साफ होता है कि वह मुस्लिम महिलाओं को हक दिलाने वाले बिल की राह में रोड़ा अटका रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार इस बिल पर अलग-थलग पड़ गई है और विपक्ष एकजुट हो चुका है. हर हाल में केंद्र सरकार को इस बिल को सलेक्ट कमेटी को भेजना ही होगा.
बताते चलें कि केंद्र सरकार के पास ट्रिपल तलाक बिल को पास कराने के लिए अब सिर्फ एक दिन का समय बचा है. संसद का शीतकालीन सत्र 5 जनवरी को खत्म हो रहा है. मोदी सरकार के पास राज्यसभा में संख्याबल नहीं है और इसी बात का फायदा उठाकर विपक्ष की अगुवाई कर रही कांग्रेस इस बिल में संशोधन की मांग करते हुए इसे सलेक्ट कमेटी के पास भेजने की बात कह रही है. इस सत्र में केंद्र सरकार को जरूरी जीएसटी संशोधन बिल भी पास कराना है, जो लोकसभा में पास हो चुका है. बताते चलें कि किसी भी बिल का दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में पास होना जरूरी होता है. दोनों सदनों से पास होने के बाद उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है, राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद वह विधेयक कानून की शक्ल अख्तियार कर लेता है.
ट्रिपल तलाक बिल में क्या है प्रावधान? तीन तलाक बिल कैसे करेगा मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा?