Triple Talaq Bill Passed in Rajya Sabha: राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है. मंगलवार को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल सदन में पेश किया. चर्चा के बाद इस पर वोटिंग हुई जिसमें तीन तलाक बिल के विपक्ष में 84 वोट पड़े जबकि इसके पक्ष में 99 वोट गिरे. हालांकि विपक्ष ने इस बिल का कड़ा विरोध जताया और इसमें संशोधन की मांग की. फिर भी विपक्ष में तीन तलाक बिल को लेकर फूट पड़ी. बीएसपी, टीआरएस और एनसीपी के कुछ नेताओं ने इस बिल की वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. इसके पहले तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमिटी के पास भेजे जाने के लिए वोटिंग हुई, जिसमें भी विपक्ष का प्रस्ताव भी खारिज हो गया. साथ ही कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों के सभी संशोधन प्रस्ताव भी सदन में खारिज कर दिए गए. तीन तलाक बिल के राज्यसभा में पास हो जाने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है. अब यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा और उनकी मंजूरी मिलते ही देश में तीन तलाक कानून अस्तित्व में आ जाएगा.
नई दिल्ली. राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है. तीन तलाक बिल के खिलाफ में सदन में 84 वोट पड़े जबकि इसके पक्ष में 99 वोट गिरे. इसे नरेंद्र मोदी सरकार की बड़ी जीत माना जा रहा है. अब यह बिल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष पेश किया जाएगा. राष्ट्रपति की मुहर लगते ही देश में तीन तलाक कानून अस्तित्व में आ जाएगा. इससे पहले इस बिल को चयन समिति के पास भेजे जाने की विपक्ष की मांग भी खारिज हो गई. केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल को मंगलवार को संसद के उच्च सदन में चर्चा के लिए पेश किया. इस बिल पर विपक्ष ने सरकार से सवाल खड़े कर विरोध जताया. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने पूछा कि क्या इस बिल पर अल्पसंख्यकों से राय ली गई है? दूसरी तरफ रविशंकर प्रसाद ने इस बिल पर चर्चा करते हुए सदन में कहा कि तीन तलाक बिल मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाएगा. इसके बाद इस बिल पर वोटिंग के दौरान बसपा और टीआरएस पार्टी के सांसद शामिल नहीं हुए.
विपक्ष की मांग पर राज्यसभा में तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमिटी को भेजे जाने के लिए वोटिंग हुई और इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया. इस प्रस्ताव के विपक्ष में 100 वोट पड़े जबकि पक्ष में केवल 84 वोट ही पड़े. तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में नरेंद्र मोदी सरकार को यह पहली कामयाबी मिली.
दूसरी तरफ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने तीन तलाक बिल राज्यसभा में चर्चा के दौरान कहा कि इस बिल के जरिए सरकार का मकसद दूसरा है. मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करने के लिए यह बिल बनाया जाना है लेकिन सरकार का असली मकसद मुस्लिम परिवारों की तबाही है.
गौरतलब है कि तीन तलाक कानून को लेकर बीजेपी नीत एनडीए को कई पापड़ बेलने पड़े. 2014 में पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाने के बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले कार्यकाल में इस बिल को पास नहीं करा पाए थे. यह बिल पहले तीन बार लोकसभा में पास हो चुका था लेकिन हर बार राज्यसभा में अटक जाता था.
हालांकि 2019 के लोकसभा में बीजेपी के फिर से भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार तीन तलाक बिल को लेकर आश्वस्त हो गई. पिछले हफ्ते इस बिल को लोकसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद पास करा दिया गया था. अब मंगलवार को ही राज्यसभा में तीन तलाक बिल पेश किया और विपक्ष के कमजोर होने के चलते संसद के उच्च सदन में भी यह पास हो गया.
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