Triple Talaq Bill in Rajya Sabha Highlights: राज्य सभा में आज तीन तलाक बिल पेश किया जाना है. ये बिल लोकसभा में 17 दिसंबर को पेश किया गया था. ये बिल तीन तलाक को गैर कानूनी करार कर देगा. ये बिल लोकसभा में पास किया जा चुका है और अब राज्य सभा में भाजपा इस बिल को आगे बढ़ाने में लगी है. इसके लिए राज्य सभा में बहस होना तय था. हालांकि विपक्ष के विरोध करने और हंगामें के कारण राज्य सभा स्थगित कर दी गई है.
नई दिल्ली. आज राज्य सभा में तीन तलाक बिल पेश किया जाना था. हालांकि विपक्ष के भारी हंगामें के बाद राज्य सभा दो जनवरी तक स्थगित कर दी गई है. केंद्र की भाजपा सरकार इस बिल को आगे बढ़ाना चाहती है. बिल के जरिए तीन तलाक लेने की प्रथा को गैर कानूनी करार दिया जाना है. लोकसभा में गुरुवार को ये बिल पास किया गया. बिल के पक्ष में 245 वोट पड़े वहीं इसके खिलाफ 11 वोट भी थे. बिल के खिलाफ विरोध करने के लिए कांग्रेस समेत विपक्ष पार्टियों ने संसद से वॉकआउट किया. इनके साथ भाजपा से जुड़ी पार्टी अन्नाद्रमुक ने भी संसद से वॉकआउट किया. लोकसभा में 17 दिसंबर को ये बिल पेश किया गया था जिसके तहत तीन तलाक को गैर कानूनी करने की मांग की गई है. इससे पहले भी ये बिल पिछले साल दिसंबर में राज्य सभा में पास नहीं हो पाया था. इसके बाद दोबारा एक नया बिल इस बार पेश किया गया.
इस नए बिल में तीन तलाक देने वाले पति को तीन साल की जेल की मांग की गई है. इस बिल के तहत तीन तलाक को दंडनीय और गैर जमानती करार देने की मांग है. वहीं कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल का कहना है कि वो बाकि पार्टियों के साथ मिलकर इस बिल को राज्य सभा में पास होने से रोकेंगे. उन्होंने बताया कि 10 पार्टियां लोकसभा से इस बिल के विरोध में वॉक आउट कर गई थीं. विपक्ष नेता का दावा है कि राज्य सभा में इस बिल के विरोध में 116 सदस्यों का साथ है. ये भाजपा और एनडीए की सरकार के इस बिल को रोकने के लिए काफी है. वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि इस बिल में किसी तरह की राजनीति नहीं है और ये किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है.
भाजपा प्रमुख अमित शाह ने लोकसभा में बिल के पास होने को मुस्लिम महिलाओं की समानता और गरिमा सुनिश्चित करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम बताया था. उन्होंने कांग्रेस से दशकों से की जा रही नाइंसाफी के खिलाफ माफी मांगने की मांग की थी. बता दें कि लोकसभा में भाजपा के इस बिल के खिलाफ कई पार्टियों ने वॉकआउट किया लेकिन उनके पास फिर भी बिल को पास करवाने के लिए पर्याप्त सांसद थे. लोकसभा में ये बिल आसानी से पास हो गया. हालांकि राज्य सभा में ऐसा होने में मुश्किल होगी. अभी राज्य सभा में 244 सांसद है. सत्ता की भाजपा और एनडीए के पास इनमें से 96 सांसद हैं. बिल के विपक्ष की पार्टियों के पास 115 सासंद हैं. वहीं 33 सांसद उन पार्टियों के हैं जिनका पक्ष अभी साफ नहीं है. ऐसे में इन पार्टियों पर नजर टिकी है कि बिल के पक्ष में भाजपा का साथ कौन-कौन दे सकता है.
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