नई दिल्ली. नरेंद्र मोदी सरकार सोमवार को राज्यसभा में तीन तलाक बिल पेश करेगी. सरकार जानती है कि राज्यसभा में इस बिल को पास कराना बेहद मुश्किल है लेकिन फिर भी वह इसे सबसे ज्यादा प्राथमिकता दे रही है. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2018 को राज्यसभा में पहले नंबर पर सूचीबद्ध किया गया है. बिल एक साल पहले भी लोकसभा से पारित हुआ था लेकिन राज्यसभा में विपक्ष के विरोध के कारण अटक गया था. इस बीच बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सोमवार को राज्यसभा में मौजूद रहने को कहा है.
वहीं कांग्रेस ने भी सांसदों को व्हिप जारी कर लोकसभा व राज्यसभा में मौजूद रहने को कहा है. गुरुवार को जब बिल पारित हुआ तो कांग्रेस, विपक्षी दल और AIADMK ने भी सदन से वॉकआउट कर दिया था. मोदी सरकार ने विधेयक को सिलेक्ट कमिटी को भेजने से इनकार कर दिया था, जिस पर उन्होंने सदन से वॉकआउट कर दिया. केंद्र सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत कम है. विपक्षी सदस्यों की संख्या ज्यादा है. उसका कहना है कि तीन तलाक बिल को दोनों सदनों की सिलेक्ट कमिटी को भेजा जाना चाहिए.
राज्यसभा में बहुमत होने के कारण विपक्ष बिल सिलेक्ट कमिटी के पास भिजवाने में कामयाब हो सकता है. शुक्रवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, मुझे उम्मीद है कि राज्यसभा में तीन तलाक बिल को विपक्षी दलों का सहयोग मिलेगा. उन्होंने कहा, इस बिल को वोट बैंक की नजर से नहीं देखना चाहिए. लोकसभा में हर शख्स ने माना कि तीन तलाक सही नहीं है. लेकिन वे नहीं चाहते कि इसे क्राइम माना जाए. मुझे यह चीज अजीब लगती है.
Triple Talaq Bill: लोकसभा में तीन तलाक बिल पास, जानिए बिल से जुड़ी दस बड़ी बातें
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