नई दिल्ली. धरती को तबाह करने के लिए ऐसी कई चीजें हैं जिनकी तरफ अभी तक इंसान का ध्यान नहीं गया है. क्या आप कभी बर्फ में आग लग जाने की बात को मानेंगे? जी हां ये संभव है क्योंकि समुद्र की गहराई में अरबों टन मीथेन गैस दबी हुई है. बता दें कि मीथेन कार्बन डाइऑक्साइड से 86 गुना अधिक गर्मी पैदा करती है. बर्फ में जमी हुई मिट्टी जिसे परमाफ्रोस्ट कहा जाता है. उसके भीतर सबसे अधिक मीथेन गैस होती है.
धरती का 20 प्रतिशत हिस्सा परमाफ्रास्ट से घिरा हुआ है. लेकिन बदलते वातावरण और पिघलती बर्फ के चलते 1.8 खरब टन कार्बन डॉइआक्साइड और मीथेन गैस बाहर आएगी. ये अब के मुकाबले दोगुना होगा. हालांकि इसे पिघलने में अभी दशकों लग जाएंगे लेकिन ये पिघलना शुरु हो चुकी है और इससे भारी मात्रा में ग्रीन हाउस गैस निकल रही है.
इसको लेकर वर्जीनिया पॉलिटेक्निक के जियोसाइंस के प्रोफेसर स्टीव होलब्रुक ने कहा, ‘आप इसके यूट्यूब वीडियोज भी देख सकते हैं. अगर आप ऐसी बर्फ के पास लाइटर या माचिस ले जाएंगे तो आग जलने लगेगी. कुछ मिनटों के लिए आप बर्फ को जला सकते हैं. असल में इस दौरान बाहर निकलती मीथेन गैस जल रही होती है. अंत में अवशेष के तौर पर पानी ही बचता है.’ बता दें इस समय धरती पर गैस और तेल की जितनी मात्रा बची है, मीथेन हाइड्रेट उसके मुकाबले कहीं ज्यादा हो सकती है. इससे जुड़ा एक वीडियो अमेरिकी राजनेता बर्नी सेंडर्स ने अपने फेसबुक पर शेयर किया है-
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