नई दिल्ली: आज करगिल विजय दिवस को 24 साल बीत चुके हैं. भारतीय इतिहास के इस सुनहरे अध्याय को इस साल 24 वर्ष बीत गए हैं जो कई जवानों के बलिदान के खून से लिखा गया है. सुनहरे अक्षरों में लिखे गए इस दिन को याद करते हुए संसद में सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की […]
नई दिल्ली: आज करगिल विजय दिवस को 24 साल बीत चुके हैं. भारतीय इतिहास के इस सुनहरे अध्याय को इस साल 24 वर्ष बीत गए हैं जो कई जवानों के बलिदान के खून से लिखा गया है. सुनहरे अक्षरों में लिखे गए इस दिन को याद करते हुए संसद में सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है.
Members of the Rajya Sabha pay tribute to the soldiers who sacrificed their lives in the 1999 Kargil War, on the occasion of #KargilVijayDiwas2023 pic.twitter.com/Jsy37FocnZ
— ANI (@ANI) July 26, 2023
Members of the Lok Sabha pay tribute to the soldiers who sacrificed their lives in the 1999 Kargil War, on the occasion of #KargilVijayDiwas2023 pic.twitter.com/tVc6qEucMD
— ANI (@ANI) July 26, 2023
गौरतलब है कि इस समय संसद का मानसून सत्र चल रहा है. ये सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ था जो 11 अगस्त तक जारी रहेगा. इसी क्रम में मानसून सत्र के पांचवे दिन करगिल विजय दिवस को राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों ने 1999 के कारगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है. बता दें, इसी युद्ध की बदौलत कश्मीर पर कब्ज़ा करने का पाकिस्तान का सपना आज तक सपना ही है.
Prime Minister Narendra Modi pays tribute to Bravehearts on #KargilVijayDiwas pic.twitter.com/TFO9C2wbkA
— ANI (@ANI) July 26, 2023
हालांकि इस युद्ध में कई वीर शहीद हुए जिनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. इसी क्रम में आज करगिल युद्ध दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलिदान देने वाले वीरों को याद किया है और श्रद्धांजलि दी है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘कारगिल विजय दिवस भारत के उन अद्भुत पराक्रमियों की शौर्यगाथा को सामने लाता है, जो देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणाशक्ति बने रहेंगे। इस विशेष दिवस पर मैं उनका हृदय से नमन और वंदन करता हूं। जय हिंद!’
भारत के रक्षा मंत्रालय की कमान उस समय जार्ज फ़र्नांडिस के हाथों में थी और टाइगर हिल अब भी भारत के हाथ से बाहर था. उस पर पाकिस्तानी घुसपैठिए कब्ज़ा जमाए बैठे थे. लेफ़्टिनेंट बलवान सिंह और कैप्टन सचिन निंबाल्कर भारत के वो जांबाज अफसर थे जो टाइगर हिल फतह करने से बस 50 मीटर नीचे थे. ब्रिगेड मुख्यालय तक ‘दे आर शॉर्ट ऑफ़ द टॉप.’ का संदेश भेजा गया जिसका अर्थ ‘टाइगर हिल की चोटी अब बस कुछ ही दूर है’ था. लेकिन श्रीनगर से दिल्ली तक आते-आते इस संदेश की भाषा बिलकुल बदल गई. ‘दे आर ऑन द टाइगर टॉप’ संदेश पहुंचा जिसके बाद टाइगर हिल पर भारत के कब्जे का ऐलान कर दिया गया. हालांकि बाद में भारत ने फतह हासिल कर ली लेकिन ये ख़ुशी जीत से पहले ही मनाई गई थी.