नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार-26 दिसंबर को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। इस बीच पूर्व पीएम का पार्थिव शरीर उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मनमोहन जी के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
बता दें कि शुक्रवार की शाम कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की मीटिंग हुई। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत कई बड़े नेता शामिल हुए।
जानकारी के मुताबिक कल यानी शनिवार सुबह-8 बजे डॉ. मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा। यहां पर एक घंटे तक कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जाएगा।
मनमोहन सिंह जी ने असीम बुद्धिमत्ता और निष्ठा के साथ भारत का नेतृत्व किया। उनकी विनम्रता और अर्थशास्त्र की गहरी समझ ने देश को प्रेरित किया। श्रीमती कौर और परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैंने एक गुरु और मार्गदर्शक खो दिया है। हममें से लाखों लोग जो उनके प्रशंसक थे, उन्हें अत्यंत गर्व के साथ याद करेंगे।
भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मनाता है। साधारण परिवार से उठकर वह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने। उन्होंने वित्त मंत्री सहित विभिन्न सरकारी पदों पर कार्य किया और वर्षों तक हमारी आर्थिक नीति पर एक मजबूत छाप छोड़ी। संसद में उनका हस्तक्षेप भी व्यावहारिक था। हमारे प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए।
जब डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे और मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब मेरे और उनके बीच नियमित बातचीत होती थी। हम शासन से संबंधित विभिन्न विषयों पर व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता सदैव झलकती रहती थी। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं डॉ. मनमोहन सिंह जी के परिवार, उनके दोस्तों और अनगिनत प्रशंसकों के साथ हैं। ॐ शांति।
डॉ. मनमोहन सिंह शांत और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे, जिसके कारण उन्हें उनके राजनीतिक विरोधी भी उनका सम्मानित करते थे। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में वह भारतीय योजना आयोग के प्रमुख के रूप में 1985 से 1987 तक कार्य किया। इसके साथ ही, वह 1982 से 1985 तक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर भी रहे, जहां उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिन्हें आज भी याद किया जाता थे।
आर्थिक सुधारों के क्षेत्र में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण था। 1991 में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण से जुड़े कई फैसले किए, जिनसे देश की अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा मिली। इसके साथ ही, उन्हें कई प्रमुख सम्मान मिले, जिनमें 1987 में पद्म विभूषण, 1993 में एशिया मनी अवार्ड, 1995 में जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवॉर्ड सहित अन्य कई पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों से मानद उपाधियां भी मिली।
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