आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने किया गुजरात बंद का ऐलान

गांधीनगरः आदिवासियों पर अत्याचार , मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और मध्य प्रदेश में पेशाब की घटना से नाराज आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने गुजरात के आदिवासी क्षेत्र में बंद का आयोजन किया है।विपक्षी कांग्रेस ने भी मणिपुर हिंसा के खिलाफ बंद का समर्थन करने का फैलसा किया है।आदिवासी एकता मंच सहित कई जनजातीय […]

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आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने किया गुजरात बंद का ऐलान

Sachin Kumar

  • July 22, 2023 8:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

गांधीनगरः आदिवासियों पर अत्याचार , मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और मध्य प्रदेश में पेशाब की घटना से नाराज आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने गुजरात के आदिवासी क्षेत्र में बंद का आयोजन किया है।विपक्षी कांग्रेस ने भी मणिपुर हिंसा के खिलाफ बंद का समर्थन करने का फैलसा किया है।आदिवासी एकता मंच सहित कई जनजातीय संगठन गुजरात के आदिवासी बहुल जिलों में बंद का आह्वान करने के लिए एक साथ आए हैं। हाल ही में आम आदमी पार्टी से आदिवासी नेता प्रफुल्ल वसावा ने इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि घोषणा किसी एक संगठन या राजनीतिक दल के नहीं बल्कि आदिवासी और अन्य सामाजिक-राजनीतिक संगठनों की आम सहमति से की गई है।

केरल के मुख्यमंत्री ने क्या कहा ?

वही केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मणिपुर में हिंसा की घटनाओं को ‘भयावह’ करार देते हुए आरोप लगाया कि पूर्वोत्तर राज्य में ‘सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देने के शातिर एजेंडे’ के कारण हिंसा जारी है।उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘मणिपुर से हिंसा की भयावह घटनाओं ने हर भारतीय की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। उन्होंने कहा कि संघ परिवार सत्ता की राजनीति के लिए राज्य को दंगा क्षेत्र में बदलने का एजेंडा रखने और देश के धर्मनिरपेक्ष समुदाय से इसे समझने का आग्रह किया।

 

गांधी प्रतिमा के पास करेंगे विरोध

सूत्रों के हवाले से बताया गया है की इंडिया गठबंधन में शामिल विभिन्न विपक्षी दलों के नेता राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के कक्ष में सुबह 10 बजे मिलेंगे और संसद में अपनी आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।सभी सांसद गांधी प्रतिमा के पास विरोध प्रदर्शन भी करेंगे। सभी सासंद मणिपुर हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।सरकार गृहमंत्री के जवाब के साथ मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा आयोजित करने पर सहमत हो गई है लेकिन विपक्ष पहले प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर अड़ा हुआ है।

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