नई दिल्ली. एक 29 साल की ट्रांसजेंडर ने कथित तौर पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे पुणे के मॉल में घुसने नहीं दिया गया. घटना गुरुवार शाम को हुई. यह मामला उस वक्त सामने आया जब एक एनजीओ में ट्रांसजेंडर्स से जुड़े मुद्दों के लिए काम करने वाली पीड़िता ने शनिवार को एक वीडियो पोस्ट किया. पीड़िता सोनाली जी. ने कहा कि वह पुणे के विमन्नागर स्थित फिनिक्स मार्केट सिटी मॉल में गई थी, जहां उसे सिक्योरिटी चेकिंग के लिए महिला विभाग में भेज दिया गया. उसने आरोप लगाया कि वहां महिला ने उसकी जांच करने से मना कर दिया और कहा कि उसे मॉल में एंट्री नहीं दी जा सकती.
सोनाली ने कहा, जब इस पर बहस हुई तो सुरक्षा जांच करने वाली महिला ने सिक्योरिटी चीफ को बुलाया, जिसने कहा कि मॉल में ट्रांसजेंडर्स को एंट्री देना उनकी पॉलिसी में शामिल नहीं है. सोनाली ने उनसे पॉलिसी बुक मांगी और बाद में जब मॉल में अन्य कस्टमर्स ने विरोध किया तो उसे एंट्री दे दी गई. वही फिनिक्स मॉल मैनेजमेंट ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सोनाली को 5 मिनट से भी कम समय में एंट्री दी गई.
मॉल ने कहा, ”सिक्योरिटी एजेंसी की विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर ट्रांसजेंडर से सुरक्षा गार्ड्स द्वारा वेरिफिकेशन के लिए कहा गया और पांच से भी कम समय में उसे एंट्री दे दी गई. हमें कस्टमर को हुई असुविधा के लिए खेद है, लेकिन सुरक्षा का ध्यान रखना प्रक्रिया का हिस्सा है”.
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