नई दिल्ली: बजट सत्र में बुधवार को अश्विनी वैष्णव ने महाराष्ट्र के सांसद श्रीकांत शिंदे के सवाल का जवाब देते हुए कहा,’ पूरे देश में 1200 से अधिक स्टेशनों का विकास कार्य हो रहा है. राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है. ऑपरेशनलाइज स्थिति में उन्होंने स्टेशनों को रिडेवलप किए जाने को […]
नई दिल्ली: बजट सत्र में बुधवार को अश्विनी वैष्णव ने महाराष्ट्र के सांसद श्रीकांत शिंदे के सवाल का जवाब देते हुए कहा,’ पूरे देश में 1200 से अधिक स्टेशनों का विकास कार्य हो रहा है. राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है. ऑपरेशनलाइज स्थिति में उन्होंने स्टेशनों को रिडेवलप किए जाने को चुनौतीपूर्ण कार्य बताया है. इसके अलावा रेल मंत्री ने ये भी साफ कर दिया है कि रेलवे स्टेशनों का प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि अपने फंड से ही रेलवे स्टेशनों का रिडेवलपमेंट कराया जा रहा है.
इसके अलावा राज्यसभा में नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्ष के राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने अपनी बात रखी औरअभिभाषण के लिए राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं. दूसरी ओर सदन में अडानी मुद्दे पर JPC जांच की मांग को लेकर विपक्ष एकजुट नज़र आ रहा है. आम आदमी पार्टी, बीआरएस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने इस मामले को लेकर संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया.
संसद में अडानी विवाद को लेकर विपक्ष लगातार चर्चा की मांग कर रहा है. विपक्ष की इस मांग को लेकर पिछले छह दिनों से संसद में बवाल जारी है. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी, बीआरएस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के सांसदों ने अडानी विवाद से संबंधित जेपीसी जांच की मांग की है. जांच की मांग करते हुए बुधवार(8 फरवरी) को संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया गया. एसबीआई बिल्डिंग के पास तृणमूल कांग्रेस ने भी अडानी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत ने मीडिया को बताया कि ‘इस मुद्दे पर विपक्ष एकजुट हो गया है. इससे संबंधित जेपीसी जांच की हमारी मांग बनी रहेगी। इस पर (संसद में) चर्चा में भाग लेने का मतलब अदानी के शेयरों का मूल्य बढ़ाना है.’ वह आगे कहते हैं, ‘हम आधा-अधूरा काम नहीं करना चाहते हैं. जेपीसी की मांग हम अधूरी नहीं छोड़ सकते, जेपीसी की मांग कायम रहेगी। इस मामले में विपक्ष भले ही एक है लेकिन हमारा कहना हमेशा से यही है कि चर्चा में भाग लेने का मतलब अडानी के शेयर बढ़ाना है.’
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