CM Nitish Kumar Ka Driver Bagair Seat Belt Bandhe Chalata Hai Car: देशभर में नया व्हीकल एक्ट 1 सितंबर से लागू कर दिया गया. जिसके बाद से ज्यादातर लोग नए एक्ट का पालन कर रहे हैं. नियमों का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों को इस दौरान ट्रैफिक पुलिस ने लाखों की तादाद में चालान काटे हैं. इसके बावजूद अगर बिहार में देखा जाए तो इस नए व्हीकल एक्ट का असर उन लोगों पर कम है जिनकी सत्ता में पैठ है. खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्राइवर गाड़ी चलाते वक्त सीट बेल्ट नहीं लगाता. नीतीश की गाड़ियोंं के कारवां में इस व्हीकल एक्ट की धज्जियां उड़ाई ज रही हैं.
नई दिल्ली. एक सितंबर को देशभर में नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू कर दिया गया. कई राज्यों ने इस एक्ट को पूरे जोर शोर के साथ लागू कर दिया गया. इस मोटर एक्ट के जरिए उन लोगों पर नकेल कसी गई जो परिवहन नियमों को ताक पर रख देते हैं. नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू करने के बाद अगर बिहार की बात की जाए तो यहां पर ये नियम अभी तक कारगर नहीं हुआ. न्यूज 18 की खबर के मुताबिक बिहार के मुख्यमंत्री जिस गाड़ी से चलते हैं तो उसका ड्राइवर खुद सीट बेल्ट नहीं लगाता.
नियमों के मुताबिक जिस गाड़ी में सीएम नीतीश कुमार सवार थे उसके द्वारा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्राइवर को जरा भी भय नहीं था कि वह बगैर सीट बेल्ट लगाए गाड़ी चला रहा है. अगर नियमों को माना जाए तो खुद सीएम नीतीश कुमार खुद नये नियम की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
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राजधानी पटना की सड़कों की बात की जाए तो यहां पर ट्रैफिक नियम सिर्फ आम लोगों के लिए हैं. रसूखदार और राजनीति में पहुंच रखने वाले या यूं कहा जाए की खास लोगों से लेकर अधिकारी तक नया मोटर एक्ट को ताक पर रखकर घूम रहे हैं. उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि उनका चालान कर दिया जाएगा. इससे पता चलता है कि बिहार में परिवहन नियमों को सम्भ्रांत वर्ग द्वारा कोई तवज्जो नहीं दी जी रही है.
बिहार पुलिस भी नए नियमों को ताक पर रख दिया है. वह चाहे दुपहिया वाहन से चलें या फिर जिप्सी से पुलिस वाले भी सीट बेल्ट का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. वे ट्रैफिक नियमों के बिल्कुल नहीं मानते. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि जिनके ऊपर नियम कानून पालन करने और करवाने की जिम्मेदारी है वही वाहन एक्ट को तार- तार कर रहे हैं.
एक सितंबर से इस नियम के लागू होने के बाद देश के कई शहरों में ट्रैफिक पुलिस ने नया मोटर व्हीकल एक्ट का पालन न करने पर चालान किए हैं. इनमें उन लोगों को भी नहीं बख्शा गया जिनके पास सिर्फ मामूली कमी मिली. ऐसे कई उदाहरण है कि पुलिस ने इस दौरान ऐसे कई चालान काटे में गाड़ी की कीमत से कई गुना ज्यादा जुर्माना लगया गया.