नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पिछले वर्ष रिकॉर्ड 2 करोड़ पर्यटक आए। यह पिछले 77 वर्ष में सबसे ज्यादा है। यह अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद चार वर्ष में केंद्र शासित प्रदेश में सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है। इससे रोजगार में बढ़ोतरी हुई है। होटल उद्योग फल-फूल रहा है। पिछले साल यहां 100 से ज्यादा फिल्मों […]
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में पिछले वर्ष रिकॉर्ड 2 करोड़ पर्यटक आए। यह पिछले 77 वर्ष में सबसे ज्यादा है। यह अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद चार वर्ष में केंद्र शासित प्रदेश में सकारात्मक परिवर्तन का संकेत है। इससे रोजगार में बढ़ोतरी हुई है। होटल उद्योग फल-फूल रहा है। पिछले साल यहां 100 से ज्यादा फिल्मों की शूटिंग हुई।
सरकारी प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि प्रसिद्ध फ्रांसीसी समाचार पत्र ल फिगारो ने कश्मीर के उभरते आकर्षण पर एक रिपोर्ट पेश की है। इसमें इसे दशकों के संघर्ष के बाद विदेशी यात्रियों के लिए खुलने वाला एक भूला हुआ स्वर्ग की जानकारी दी गई है। बेरेनिस डेब्रास ने अपने लेख में श्रीनगर को हिमालय की तलहटी में शांति के स्वर्ग के रूप में चित्रित किया है।
वह लिखते हैं, डल झील की खामोशी में घिरी हुई नाव शांत पानी में खूबसूरती से सरकती है। ऐसा लगता है कि वक्त ने अपनी सांसें रोक ली हैं और पक्षी धीरे-धीरे फुसफुसा रहे हैं। जब सब्जी विक्रेता एक नाव से दूसरी नाव पर बातचीत में लगे होते हैं तो तैरता हुआ बाजार जीवंत हो उठता है। सदियों पुरानी परंपरा अपरिवर्तित बनी हुई है, कश्मीरी कहवा की सुगंध प्रामाणिक अनुभव प्रदान करती है। ब्यूरो
प्रवक्ता ने बताया कि ल फिगारो की रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि यह जम्मू-कश्मीर के संघर्षग्रस्त अतीत से एक समृद्ध वर्तमान तक की यात्रा को खूबसूरती से दिखाती है। भूले हुए स्वर्ग को विश्व मंच पर अपनी स्थिति फिर से हासिल करने के रूप में चित्रित किया गया है, जो जादू और आकर्षण के एक नए युग का प्रतीक है।