Tokyo Paralympics: भारत के सुहास लालिनाकेरे यतिराज ने रविवार को टोक्यो पैरालिंपिक में पुरुष एकल SL4 वर्ग के फाइनल में फ्रांस के शीर्ष वरीयता प्राप्त लुकास मजूर के खिलाफ हारने के बाद ऐतिहासिक रजत पदक के साथ अपने अभियान का अंत किया।
नई दिल्ली. नोएडा के डीएम सुहास एलवाई ने टोक्यो पैरालिंपिक में इतिहास रचा दिया है। उन्हें रविवार को पुरुषों की एकल SL4 इवेंट में फ्रांस के टॉप सीड शटलर लुकास माजूर से कड़े मुकाबले में 21-15, 17-21, 15-21 से हार का सामना करना पड़ा। भारत का यह कुल 18वां मेडल है। उसने 4 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं।
सुहास ने मैच पहला गेम 21-15 से अपने नाम किया। अगले दोनों गेम में उन्होंने विपक्षी को कड़ी टक्कर दी, लेकिन उन्हें मैच गंवाना पड़ा। लुकास ने 21-17 और 21-15 से दोनों गेम जीतते हुए गोल्ड मेडल जीत लिया। एसएल4 क्लास में वो बैडमिंटन खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनके पैर में विकार हो और वे खड़े होकर खेलते हैं। इससे पहले प्रमोद भगत ने शनिवार को पुरुषों की एकल एसएल3 स्पर्धा में स्वर्ण पदक जबकि मनोज सरकार ने इसी स्पर्धा का कांस्य पदक जीता था।
कोर्ट के भीतर और बाहर कई उपलब्धियां हासिल कर चुके सुहास कम्प्यूटर इंजीनियर है और प्रशासनिक अधिकारी भी। वह 2020 से नोएडा के जिलाधिकारी हैं और कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मोर्चे से अगुवाई कर चुके हैं। वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे नंबर के शटलर सहुास कई अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक भी जीत चुके हैं। वह जकार्ता पैरा एशियन गेम्स-2018 में कांस्य पदक विजेता पुरुष टीम में शामिल थे। 2017 में तोक्यो में हुए जापान ओपन पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में उपविजेता रहे थे, जबकि युगल एसएल-4 वर्ग में कांस्य पदक जीता था।
कोर्ट के भीतर और बाहर कई उपलब्धियां हासिल कर चुके सुहास कम्प्यूटर इंजीनियर है और प्रशासनिक अधिकारी भी। वह 2020 से नोएडा के जिलाधिकारी हैं और कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में मोर्चे से अगुवाई कर चुके हैं। वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे नंबर के शटलर सहुास कई अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक भी जीत चुके हैं। वह जकार्ता पैरा एशियन गेम्स-2018 में कांस्य पदक विजेता पुरुष टीम में शामिल थे। 2017 में तोक्यो में हुए जापान ओपन पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में उपविजेता रहे थे, जबकि युगल एसएल-4 वर्ग में कांस्य पदक जीता था।