गाजियाबाद। वाराणसी में 2006 के सीरियल बम धमाकों के मामले में शनिवार को दोषी ठहराए गए आतंकवादी वलीउल्लाह की सजा पर आज यानि सोमवार दोपहर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में दो बजे से सुनवाई होगी। अदालत सजा के सवाल पर दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला […]
गाजियाबाद। वाराणसी में 2006 के सीरियल बम धमाकों के मामले में शनिवार को दोषी ठहराए गए आतंकवादी वलीउल्लाह की सजा पर आज यानि सोमवार दोपहर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में दो बजे से सुनवाई होगी। अदालत सजा के सवाल पर दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाएगी।
इस चर्चित मामले में सभी को कोर्ट के फैसले का इंतजार है। वलीउल्लाह प्रयागराज के फूलपुर स्थित नलकूप कॉलोनी का रहने वाला है। जिला शासकीय अधिवक्ता राजेश चंद शर्मा ने बताया कि 7 मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे।
पहला बम विस्फोट 7 मार्च को शाम 6:15 बजे वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के संकटमोचन मंदिर में हुआ। इसमें सात लोगों की मौत हो गई जबकि 26 घायल हुए थे। उसी दिन 15 मिनट बाद सुबह 6.30 बजे दशाश्वमेध घाट थाना क्षेत्र में जम्मू रेलवे गेट की रेलिंग के पास कुकर बम मिला। पुलिस की मुस्तैदी से यहां धमाका होने से टल गया।
इन दोनों मामलों में अदालत ने आतंकवादी वलीउल्लाह को हत्या, हत्या के प्रयास, चोट और टुकड़े टुकड़े करने, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आतंकवादी गतिविधि के आरोप में दोषी ठहराया है, जबकि जीआरपी वाराणसी थाना क्षेत्र के वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन में प्रथम श्रेणी के विश्राम कक्ष के सामने हुए इन विस्फोटों में 11 लोगों की मौत हो गई और 50 लोग घायल हो गए।
इस मामले में सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया है। मालूम हो कि वाराणसी में वकीलों ने वलीउल्लाह का प्रतिनिधित्व करने से इनकार कर दिया था। 24 दिसंबर 2006 को उच्च न्यायालय के आदेश पर मामले को सुनवाई के लिए गाजियाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था।
जिला सरकारी अधिवक्ता ने बताया कि वाराणसी में हुए बम धमाकों के बाद अज्ञात आरोपियों के खिलाफ तीन प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। पुलिस की जांच में आरोपियों के नाम सामने आए। वलीउल्लाह के अलावा बशीर, जकारिया, मुस्तफिज और मोहम्मद जुबैर भी तीनों मामलों में आरोपी थे। मोहम्मद जुबैर 9 मई, 2006 को जम्मू-कश्मीर में एलओसी पर पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। वह बागपत के टाडा गांव का निवासी था। बशीर, जकारिया, मुस्तफिज जो बांग्लादेश के निवासी हैं। पुलिस आज तक इन्हें पकड़ नहीं पाई है।
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