Bundelkhand Expressway: लखनऊ। यूपी का बुंदेलखंड, कभी गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और डकैतों के लिए जाना जाता था। अब बुदेंलखंड विकास की नई रफ्तार छूने को तैयार है। आज प्रधानमंत्री मोदी बुदेंलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे। अनुमानित लागत से कम खर्च और रिकॉर्ड समय में बने इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद अब बुंदेलखंड […]
लखनऊ। यूपी का बुंदेलखंड, कभी गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी और डकैतों के लिए जाना जाता था। अब बुदेंलखंड विकास की नई रफ्तार छूने को तैयार है। आज प्रधानमंत्री मोदी बुदेंलखंड एक्सप्रेस वे का उद्घाटन करेंगे। अनुमानित लागत से कम खर्च और रिकॉर्ड समय में बने इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद अब बुंदेलखंड के लोग देश की राजधानी दिल्ली पहुंचने बहुत आसानी होगी।
पीएम मोदी आज जालौन के गांव कैथरी में बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लोकार्पण करेंगे। इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस एक्सप्रेस वे का शिलान्यास 20 फरवरी 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने किया था। उस समय इसके निर्माण का लक्ष्य 36 महीनें रखा गया था। लेकिन कोरोना महामारी के बावजूद सिर्फ 28 महीनें के रिकॉर्ड समय में ये एक्सप्रेस वे बनकर तैयार हो गया।
बता दें कि बुदेंलखंड एक्सप्रेस वे अनुमान से कम लागत में बनकर तैयार हुआ है। इस परियोजना में अनुमानित लागत से 12.72 फीसदी यानि 1132 करोड़ रूपये कम खर्च हुआ है। इस एक्सप्रेस वे को कम समय और कम खर्च में तैयार किया गया है।
गौरतलब है कि बुदेंलखंड एक्सप्रेस वे चित्रकूट से होकर बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, औरैया के रास्ते इटावा तक जाता है। इटावा में ये लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे से मिल जाता है। मतलब अब किसी को चित्रकूट से दिल्ली जाना हो तो वो बुदेंलखंड एक्सप्रेस वे से इटावा जाकर वहां से दिल्ली के लिए दूसरा एक्सप्रेसवे ले सकता है। पहले चित्रकूट से दिल्ली जाने में करीब 12 घंटे के समय लगता था। अब ये दूरी सिर्फ 6 घंटे में पूरी हो जाएगी।
गौरतलब है कि करीब 300 किलोमीटर लंबे बुदेंलखंड एक्सप्रेस वे पर लोगों को काफी सुविधाएं मिलने वाली है। यात्रियों के सहूलियत के लिए 4 केंद्र बनाए गए है। इसके साथ ही 4 पेट्रोल पंप और जानवरों को दूर रखने के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ कंटीली तारों वाला बाड़ लगाया गया है। वैसे तो बुदेंलखंड एक्सप्रेस वे अभी चार लेन है। लेकिन अगर भविष्य में गाड़ियों की आवाजाही बढ़ेगी तो इसे चौड़ाकर 6 लेन बनाया जा सकता है। इसके लिए एक्सप्रेस वे आसापास अतिरक्त जमीन रखी गई है।
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