Sawan Somwar 2022: नई दिल्ली। आज सावन का पहला सोमवार है। देशभर के शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की लंबी लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और बाबा बैद्यनाथ मंदिर से लेकर हर जगह भक्तों का ताता लगना शुरू हो जाता है। […]
नई दिल्ली। आज सावन का पहला सोमवार है। देशभर के शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की लंबी लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं। वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर और बाबा बैद्यनाथ मंदिर से लेकर हर जगह भक्तों का ताता लगना शुरू हो जाता है।
मान्यताओं के अनुसार सोमवार का दिन भोले शंकर को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शंकर की विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। भोले शंकर को सावन माह अतिप्रिय होता है। इसीलिए शिव जी को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त शिवलिंग की पूजा- अर्चना करते है। बता दें कि शिवलिंग पर कुछ चीजें अर्पित करने से शिवजी की विशेष कृपा बरसती है।
उज्जैन के महाकाल मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध है। आज सावन के पहले सोमवार पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं आए हुए है। सामान्य दिनों में मंदिर के पट सुबह तीन बजे खोले जाते हैं। लेकिन सोमवार को ढाई बजे ही मंदिर के पट खोल दिए गए। बता दें कि दो सालों से कोरोना महामारी की वजह से श्रद्धालु सावन माह में बाबा की भस्म आरती का लाभ नहीं ले पा रहे थे। इस वर्ष सभी शिवभक्त बड़े उत्साह के साथ बाबा के दर्शन करने पहुंचे हुए हैं।
देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में सावन के पहले सोमवार को सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी पूजा करने के लिए लाइनों में लगी है। वैसे तो अब पूरे महीने तक बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर में श्रद्धालुओं भारी भीड़ देखने को मिलेगी। लेकिन सावन के पहले सोमवारी का विशेष महत्व माना जाता है।
सावन के पहले सोमवार पर वाराणसी के काशी विश्वनाथ के दरबार में भक्त सीधे गंगा घाट से गंगाजल लेकर जलाभिषेक के लिए पहुंचे। देर रात से ही भक्त अपने आराध्य काशी विश्वनाथ के दर्शन और जलाभिषेक के लिए लाइन में लगे हैं। हाथों में गंगाजल पात्र लिए भक्त बोल बम और हर हर महादेव का उद्घोष कर काशी विश्वनाथ के दरबार में आगे बढ़ रहे हैं। इस दौरान पूरा परिसर शिवमय हो गया है। बता दें कि ये पहली बार है कि बिना किसी अवरोध या बाधा के गंगा घाट से गंगाजल लेकर श्रद्धालु सीधे काशी विश्वनाथ को अर्पित रहे हैं।