नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार-23 जुलाई को लोकसभा में नई सरकार का पहला बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने कई बड़ी घोषणाएं की. इस बीच बजट पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस बजट को कुर्सी बचाओ बजट करार दिया है. उन्होंने […]
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार-23 जुलाई को लोकसभा में नई सरकार का पहला बजट पेश किया. इस दौरान उन्होंने कई बड़ी घोषणाएं की. इस बीच बजट पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस बजट को कुर्सी बचाओ बजट करार दिया है. उन्होंने कहा कि इस बजट से आम आदमी को कोई फायदा नहीं होने वाला है.
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि माननीय वित्त मंत्री ने चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस का लोकसभा 2024 का घोषणापत्र पढ़ा है. मुझे खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 30 पर उल्लिखित रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) को वस्तुतः अपना लिया है. मुझे इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस घोषणापत्र के पृष्ठ 11 पर उल्लिखित प्रत्येक प्रशिक्षु के लिए भत्ते के साथ-साथ प्रशिक्षुता योजना भी शुरू की है. काश, वित्त मंत्री ने कांग्रेस घोषणापत्र में कुछ अन्य विचारों की नकल की होती। मैं शीघ्र ही छूटे हुए अवसरों की सूची बनाऊंगा.
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह बेहद निराशाजनक है कि डेटा और सांख्यिकी पर वित्त मंत्री की घोषणा में दशकीय जनसंख्या जनगणना के लिए धन जारी करने का कोई उल्लेख नहीं है, जो कि 2021 में होनी थी, लेकिन अभी भी आयोजित नहीं की गई है. आजादी के बाद यह पहली बार है कि सरकार समय पर जनगणना कराने में विफल रही है. राज्य की प्रशासनिक क्षमताओं पर परिणाम गंभीर हैं – इसका एक उदाहरण 10-12 करोड़ व्यक्ति हैं जिन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया है. इसका मतलब यह भी है कि सरकार अपने स्वयं के एनडीए सहयोगियों के आह्वान के बावजूद, सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना से बचना जारी रखेगी.
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