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सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए केजरीवाल ने चला मास्टरस्ट्रोक, 31 में से 18 विधायकों के काटे टिकट

आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली सूची में पांच और दूसरी सूची में 13 विधायकों के टिकट काटे हैं. इस तरह अरविंद केजरीवाल अब तक घोषित 31 विधायकों में से 18 विधायकों के टिकट काट दिये हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह केजरीवाल का मास्टरस्ट्रोक है या एंटी-इनकंबेंसी पर झाड़ू?

Arvind Kejriwal (5)
inkhbar News
  • December 9, 2024 4:26 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. अरविंद केजरीवाल जहां दिल्ली में पदयात्रा कर राजनीतिक माहौल बनाने में जुटे हैं, वहीं वह अपने मौजूदा विधायकों के टिकट काटने से पीछे नहीं हट रहे है. आम आदमी पार्टी ने सोमवार को 20 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. इससे पहले 11 सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो चुकी है. दिल्ली में आम-आदमी पार्टी नो-रिपीट फॉर्मूले का दांव आजमा रही है. वहीं आधे से ज्यादा विधायकों का टिकट काट दिया गया है.

आम आदमी पार्टी ने आज 20 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की है. इसमें मनीष सिसौदिया, अवध ओझा, आदिल अहमद खान, सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू और जीतेंद्र जैसे नाम शामिल है. बता दें आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 31 पर अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. आम आदमी पार्टी ने अपने दो विधायकों की सीटें बदल दी हैं और 18 विधायकों के टिकट काट दिए हैं. मनीष सिसोदिया और राखी बिड़ला की सीटें बदल दी गई हैं.

नए चेहरों पर दांव

आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में पांच और दूसरी लिस्ट में 13 विधायकों के टिकट काटे थे. इस तरह अरविंद केजरीवाल ने इस बार घोषित 31 विधायकों में से 18 विधायकों को टिकट नहीं दिया. वहीं आम आदमी पार्टी अभी तक आधे से ज़्यादा विधायकों के टिकट काट चुकी है और उनकी जगह पर नए चेहरों को उतारा है.

एंटी इनकंबेंसी का डर

अरविंद केजरीवाल ने अपने मौजूदा विधायकों के टिकट यूं ही नहीं काटे, बल्कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत यह दांव खेला. अरविंद केजरीवाल ने एक सर्वे कराया था, जिसमें कई मौजूदा विधायकों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बात सामने आई थी. माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने मौजूदा विधायकों के टिकट काटकर नए चेहरों को मैदान में उतारा है. यह विधायकों के खिलाफ पैदा हुई सत्ता विरोधी लहर को मात देने की रणनीति है. दिल्ली में विधायकों को लेकर केजरीवाल सरकार के खिलाफ नाराजगी ज्यादा है. इसी वजह से पुराने चेहरों को हटाकर नए चेहरों को मौका देकर मास्टरस्ट्रोक खेला गया है.

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