नई दिल्ली. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी नेता) और राज्यसभा सांसद ने बुधवार को सदन में पॉक्सो संशोधन बिल पर हुई बहस के दौरान अपने साथ बचपन में हुई यौन उत्पीड़न की घटना के बारे में बताया. राज्यसभा में उनके बयान के बाद मी टू एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया. टीएमसी लीडर डेरेक ओ ब्रायन ने पॉक्सो एक्ट पर चर्चा के दौरान बताया कि जब वे 13 साल के थे तब उनके साथ कोलकाता में एक बस में एक व्यक्ति ने उनके साथ गलत हरकत की. जब वह टेनिस खेलकर बस से घर लौट रहे थे तो भीड़ भरी बस में एक अनजान शख्स ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया. डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उन्होंने कई सालों तक इस घटना का जिक्र किसी से नहीं किया लेकिन बाद में अपने मां-पिता को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बच्चों को गुड टच और बेड टच के बारे में जानकारी होनी चाहिए. साथ ही पुरुषों को भी यौन दुराचार की घटनाओं के खिलाफ आवाज उठानी होगी.
डेरेक ओ ब्रायन न कहा कि यदि बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न होता है तो उन्हें इसे छिपाना नहीं चाहिए बल्कि इस बारे में उन्हें खुल कर बात करनी चाहिए. इसके लिए बच्चों को जागरूक और प्रोत्साहित करने की जरूरत है. साथ ही इस विधेयक में चाइल्ड पोर्नोग्राफी का भी उल्लेख है जिससे ऐसे अपराधों की रोकथाम में भी मदद मिलेगी. टीएमसी नेता डेरेक ओ ब्रायन ने राज्यसभा में पॉक्सो संशोधन विधेयक में सजा को शामिल करने के प्रस्ताव का समर्थन किया.
राज्यसभा में गुरुवार को पॉक्सो संशोधन बिल पास हो गया है. इस बिल में बच्चों से यौन शोषण करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा तक का प्रावधान है. राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ यौन अपराध और बलात्कार के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए केंद्र सरकार देशभर में 1023 विशेष फास्ट ट्रैक कोर्ट गठित करने जा रही है. जिसके लिए 767 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. जिसमें केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारों का भी आर्थिक योगदान होगा. मंत्री स्मृति ईरानी ने डेरेक ओ ब्रायन के खुद के साथ हुए यौन उत्पीड़न के बारे में खुलकर बात करने पर उनकी प्रशंसा भी की.
वहीं दूसरी ओर डेरेक ओ ब्रायन के राज्यसभा में अपने साथ बचपन में हुए दुराचार का जिक्र करने पर सोशल मीडिया पर एक बार फिर मी टू की बहस छिड़ गई. कई लोगों ने ट्विटर पर #metoo के तहत डेरेक ओ ब्रायन का समर्थन किया और उनकी हिम्मत की प्रशंसा की. वहीं #MeTooIndia ट्विटर अकाउंट ने भी डेरेक ओ ब्रायन के बयान का वीडियो रिट्वीट कर लिखा कि भारत में कई लड़कों को बचपन में यौन दुराचार से गुजरना पड़ता है, ऐसी स्थिति में वे अवसाद में चले जाते हैं. अब समय आ गया है कि बच्चों को यौन उत्पीड़न के खिलाफ ऐसे ही खुलकर बात करनी चाहिए.
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