प्रयागराज: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल हत्याकांड में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में पता चला कि उमेश पाल ने माफिया अतीक अहमद से अलग-अलग समय समझौता कर 50 लाख रुपये लिए थे। इसके बाद वह अतीक को धोखा देने लगा […]
प्रयागराज: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल हत्याकांड में एक के बाद एक नए खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में पता चला कि उमेश पाल ने माफिया अतीक अहमद से अलग-अलग समय समझौता कर 50 लाख रुपये लिए थे। इसके बाद वह अतीक को धोखा देने लगा और उसके मामलों में दखल देने लगा। अतीक के साबरमती जेल जाने के बाद उमेश ने कई बेशकीमती जमीन के सौदे किए, जिन पर अतीक के गैंग की नजर थी। अतीक के गिरोह को जब इस बारे में पता चला तो उन्हें यह बात बिल्कुल पसंद नहीं था क्योंकि उमेश ने समझौता फॉर्मूले में किए गए वादों को पूरा नहीं किया, अतीक के गिरोह को प्रयागराज में अपना दबदबा खत्म होने का डर सताने लगा। जिसके चलते उमेश को ठिकाने लगाने की तैयारी की गई।
आपको बता दें, पुलिस की जाँच में इनमें से कुछ तथ्य सामने आए हैं, जो अतीक और उमेश के बीच बढ़ती दुश्मनी को भी पुख्ता करते है। प्रयागराज में कमिश्नर की नियुक्ति के बाद दो-तीन महीने तक पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच ऊहापोह और तालमेल की कमी का उमेश ने पूरा फायदा उठाया। पुलिस सुरक्षा में उमेश ने अतीक के करीबियों को नुकसान पहुँचाना भी शुरू कर दिया था। अतीक के लोगों के खिलाफ जो FIR दर्ज हुई थी उस में उमेश की भूमिका अहम थी।
उमेश पाल ने अतीक के करीबियों के जमीन सौदों में दखलअंदाजी शुरू कर दी थी, इसलिए उमेश के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज किए गए। गुजरात की साबरमती जेल में बंद अतीक के पास ऐसी खबरें आती रहीं। अतीक के कोलकाता के बंदरगाह इलाके के मुस्लिम समुदाय के तमाम प्रभावशाली लोगों से करीबी रिश्ते हैं। अतीक ने कलकत्ता में अपने गुर्गों की मदद से कई संगीन वारदातें भी कीं। यूपी पुलिस को शक है कि उमेश हत्याकांड में शामिल कुछ शूटरों ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में गद्दी के जमींदारों के यहाँ शरण ली थी। यही नहीं, जाँच टीम को यह भी जानकारी मिली कि हादसे की पूर्व में तीन बार रिहर्सल की जा चुकी है।
अतीक को बी वारंट के साथ यूपी लाने की तैयारी जल्द पूरी की जा सकती है। साबरमती जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अतीक ने करीबियों को बताया कि मैं कई बार सांसद और विधायक रह चुका हूँ और इस बार भारी गलती हो गई। उसने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान इस घटना को अंजाम नहीं देना था.. इसकी टाइमिंग गलत हो गई।