मोदी सरकार के खिलाफ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के सियासी ड्रामे के क्लाइमेक्स से हर कोई वाकिफ है. लेकिन फिर भी इस रोमांचक ड्रामे के नतीजों के देखने के लिए हर कोई उत्सुक है. इस ड्रामे के तीन मुख्य किरदार हैं एक खुद पीएम मोदी, दूसरे आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करने वाले सीएम चंद्रबाबू नायडू और तीसरे आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की साख बचाने में जुटे पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी.
नई दिल्लीः शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. इस सियासी ड्रामे की सबसे अहम बात की सभी को इसका परिणाम पता है फिर भी सभी इसे शुरू से आखिर तक देखने के लिए उत्सुक हैं. नतीजा पता होने के बाद भी लोग प्रस्ताव पर वोटिंग के बाद परिणामों का इंतजार कर रहे हैं. रोमांच भरे इस सियासी ड्रामे में तीन मुख्य किरदार हैं, पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दूसरे आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू और तीसरे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी
तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी)
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार के बाद सीएम चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगु देशम पार्टी की तरफ से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया. ये क्षेत्रीय मुद्दा पिछले एक दशक से आंध्र प्रदेश की राजनीति की धुरी रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि वर्ष 2004 में कांग्रेस ने वहां पर शानदार प्रदर्शन किया था और दिल्ली में सत्ता को बेदखल करने में कामयाब रही थी. हालांकि बेहतर प्रदर्शन नहीं करने के चलते कांग्रेस 2014 में चुनाव हार गई. बीजेपी को वहां कोई फायदा नहीं मिला. जिसके बाद पार्टी ने नायडू के साथ गठबंधन किया और केंद्र के साथ राज्य में भी उनकी जीत हुई.
राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने परिस्थिति को भांपते हुए इसे राजनीतिक रंग दिया. कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात और अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने की फैसला दो वजहों से किया. पहली वजह आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की विश्वसनीयता मजबूत करना क्योंकि वहां लोग कांग्रेस पर राज्य के विभाजन का आरोप लगा रहे हैं. दूसरी वजह संभावित क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ विश्वास बहाली को बढ़ाना.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
इस सियासी ड्रामे के बीच अगर कोई किरदार सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाला है तो वो हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. सभी को पता है कि इस ड्रामें का क्लाइमेक्स पीएम मोदी के पक्ष में होगा जिसके बाद मोदी एक बार फिर राजनीतिक धुरंधर के रूप में उभरेंगे. जिसके बाद बीजेपी को एक बार फिर विपक्षियों की कमजोरी और अपनी ताकत के बारे में बताने का मौका मिला था. ऐसे में आज होने वाली ये लड़ाई भी पीएम मोदी की होगी. उनकी सरकार की तरफ से पहले ही कहा जा चुका है कि ज्यादातर प्रभावी नेता उनके साथ है इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है.
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