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पोखरण में तीन ऐतिहासिक धमाका और दहला अमेरिका का कलेजा, अटल बिहारी वाजपेयी की शक्ति देखकर हैरान रह गई दुनिया

Atal Bihari Vajpayee 100th Birth Anniversary: अटल जी की जयंती पर उनसे जुड़े हुए किस्सों को लोग याद कर रहे हैं। आइये जानते हैं पोखरण परिक्षण के बारे में, जब अटल जी की शक्ति को देखकर अमेरिका जैसा ताकतवर देश हैरान रह गया था।

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Atal Bihari Vajpayee
  • December 25, 2024 11:14 am Asia/KolkataIST, Updated 11 hours ago

नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 100वीं जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई नेताओं ने दिल्ली स्थिति उनकी समाधि सदैव अटल पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अटल जी की जयंती पर उनसे जुड़े हुए किस्सों को लोग याद कर रहे हैं। आइये जानते हैं पोखरण परिक्षण के बारे में, जब अटल जी की शक्ति को देखकर अमेरिका जैसा ताकतवर देश हैरान रह गया था।

अटल की शक्ति से दुनिया हैरान

11 मई 1998 को भारत ने पोखरण में सफल परमाणु परीक्षण किया था। भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हिंदुस्तान परमाणु शक्ति से लैस हुआ था। पोखरण के तीन धमाकों के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया था। अटल बिहारी वाजपेयी और अब्दुल कलाम की जोड़ी का कमाल देखकर अमेरिका हतप्रभ था। दरअसल अमेरिका की खुफिया एजेंसियों की नजरों से बचकर यह परीक्षण करना आसान नहीं था।

पीछे पड़ा था अमेरिका

1962 में चीन के साथ हुए युद्ध के बाद से भारत के लिए अपनी रक्षा शक्ति को बढ़ाना जरूरी हो गया था। चीन और पाकिस्तान मिलकर परमाणु हथियार बनाने में जुटे थे। ऐसे में भारत के सामने भी एक चुनौती खड़ी हो गई थी। भारत ने पहला परमाणु परीक्षण 1974 में किया था, यह भारत की एटमी यात्रा की महज शुरुआत थी। 1996 में जब अटल की सरकार आई तो अमेरिका की खुफिया एजेंसी भारत के पीछे पड़ गई। अमेरिका नहीं चाहता था कि भारत परमाणु शक्ति से संपन्न हो। नजर रखने के लिए उसने सैटलाइट तक लगा दिए।

मुंह देखता रह गया अमेरिका

अटल बिहारी वाजपेयी और कलाम ने मिलकर इस मिशन को गुप्त रखा। वैज्ञानिक फ़ौज के कपड़े पहनकर परीक्षण स्थल पर रहे। CIA यह अंदाजा लगाने में नाकाम रही कि पोखरण में हो क्या रहा है। रेगिस्तान में बड़े-बड़े कुएं खोदे गए और फिर इसमें तीन बम रखा गया। इसके ऊपर बालू का पहाड़ रख दिया गया। अमेरिकी सैटलाइट्स को चकमा देने के लिए रातों रात ट्रकों में सारा सामान भरकर पहुंचा दिया गया। 3 बजकर 45 मिनट पर पहला धमाका किया गया, जिससे जमीन के नीचे सूर्य इतना तापमान पैदा ह्या। चट्टानें भाप बनकर उड़ गई। रेडिओ एक्टिविटी को तुरंत रोक दिया गया लेकिन आसपास भूकंप के झटके लगे। खबर अमेरिका तक पहुंची और वह मुँह देखता रह गया।

 

 

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