मुज़फ्फरनगर/लखनऊ। काली पट्टी बांधकर मस्जिदों में वक्फ संशोधन बिल का विरोध करना मुज़फ्फरनगर के 300 मुस्लिमों को भारी पड़ गया है। योगी सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए मस्जिदों के इमाम, धर्मगुरु, मदरसा संचालक और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के पदाधिकारियों को नोटिस जारी कर दिया है। प्रशासन का कहना है कि यह विरोध दंगा फैलाने और माहौल बिगाड़ने की आशंका पैदा कर रहा था। यह मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है।

मौलाना मुकर्रम कासमी ने ये कहा

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मुज़फ्फरनगर ज़िला अध्यक्ष मौलाना मुकर्रम कासमी ने नोटिस पर सख्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे थे। मुसलमानों के हक़ की बात करना गुनाह है क्या? हमें डराने की कोशिश हो रही है, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे।

वक्फ संशोधन बिल पर हंगामा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने संसद में पेश हुए वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ देशभर के मुसलमानों से विरोध की अपील की थी। बोर्ड ने लोगों से काली पट्टी बांधकर अलविदा जुम्मा और ईद की नमाज़ के मौके पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने को कहा। मुज़फ्फरनगर समेत यूपी के कई जिलों में इस आह्वान का असर देखा गया। लेकिन प्रशासन को विरोध का यह तरीका मंजूर नहीं हुआ।

300 से ज्यादा लोगों को नोटिस

मुज़फ्फरनगर प्रशासन ने सोशल मीडिया और वीडियो फुटेज के माध्यम से प्रदर्शन में शामिल लोगों की पहचान की है। पुलिस के अनुसार, काली पट्टी बांधकर लोगों ने माहौल खराब करने की कोशिश की। इसकी वजह से हालात बिगड़ सकते थे, इसलिए ये नोटिस भेजना ज़रूरी था। अब तक 300 से ज्यादा लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है। इनमें कई इमाम, मौलवी, मदरसा संचालक और मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

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