नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में जातिगत जनणना को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटे कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने जाति जनगणना के खिलाफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि […]
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले देशभर में जातिगत जनणना को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश में जुटे कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने जाति जनगणना के खिलाफ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जातिगत जनगणना कराने से न तो देश में बेरोजगारी की समस्या हल होगी और न ही समाज में व्याप्त असमानता. जाति जनगणना को इंदिरा गांधी जी और राजीव गांधी जी की विरासत का अपमान माना जाएगा. मालूम हो कि आनंद शर्मा ने यह लेटर 19 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष को लिखा, हालांकि ये आज यानी 21 मार्च को मीडिया के सामने आया है.
आनंद शर्मा ने अपने पत्र में लिखा है, इंदिरा गांधी जी ने 1980 के चुनाव में कहा था कि न जात पर, न पात पर, मुहर लगोगी तो सिर्फ हाथ पर. उनके इस बयान से कांग्रेस का जातिवाद पर स्टैंड पर पता चलता है. इसके अलावा साल 1990 में राजीव गांधी जी ने भी जाति को चुनावी मुद्दा बनाए जाने का विरोध किया था.
बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बीते कई महीने से लगातार जाति जनगणना कराने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी की सरकार आई तो जातीय जनगणना कराई जाएगी. पिछले महीने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ में लोगों को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा था कि जातीय जनगणना देश का एक्स-रे है. जैसे देश में हरित क्रांति और दुग्ध क्रांति हुई, बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ, उसी प्रकार जातीय जनगणना भी होनी चाहिए. इससे पिछड़ों, आदिवासियों और दलितों को पता चल जाएगा कि उनकी आबादी में कितनी हिस्सेदारी है.
राहुल गांधी अमेरिका यात्रा पर, पहले संबोधन में जातिगत जनगणना जारी करने का संकल्प लिया