आरबीआई ने 29 नवंबर 2022 को कहा था कि फिलहाल एक दिसंबर को लागू किए गए खुदरा डिजिटल रुपये का परीक्षण किया जाएगा। यह ई-रुपया भौतिक मुद्रा की तरह ही भरोसे, सुरक्षा और अंतिम समाधान जैसी खूबियों से लैस हैं। पायलट प्रोजेक्ट की मदद से वास्तविक समय में डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की मजबूती से परीक्षण किया जा रहा है।
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन जैसी तकनीक पर आधारित करेंसी है। जहां खुदरा डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाएं करेंगी, वहीं रिटेल करेंसी का उपयोग आम आदमी कर पाएंगे। भारतीय करेंसी का डिजिटल स्वरूप ई रुपया को फिलहाल चार बैंकों के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। यह करेंसी इन बैंकों की ओर से उपलब्ध एप्स में सुरक्षित रहेगी, यूजर्स बैंको की ओर से उपलब्ध एप्स, मोबाइल फोन और डिवाइस में स्टोर्ड डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपये के साथ लेने-देन कर पाएंगे।
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