नई दिल्ली : जनवरी के महीने में जबरदस्त ठंड के कारण दिल्ली-NCR वालों का जीना मुश्किल हो गया है. लेकिन फरवरी के पहले हफ्ते में मौसम ने ऐसी पलटी मारी है कि सब आश्चर्यचकित है. इस बार मौसम जिस तरह से ठंडा-गरम हो रहा है वो भी चौंकाने वाला है. जनवरी के आखिरी हफ्ते से […]
नई दिल्ली : जनवरी के महीने में जबरदस्त ठंड के कारण दिल्ली-NCR वालों का जीना मुश्किल हो गया है. लेकिन फरवरी के पहले हफ्ते में मौसम ने ऐसी पलटी मारी है कि सब आश्चर्यचकित है. इस बार मौसम जिस तरह से ठंडा-गरम हो रहा है वो भी चौंकाने वाला है. जनवरी के आखिरी हफ्ते से लेकर फरवरी के पहले हफ्ते में आम तौर पर बारिश हुआ करती थी लेकिन इस बार मौसम सूखा-सूखा हो रखा है. मौसम विभाग ने भी ऐसी भविष्यवाणी कर दी है जो डराने वाली है. आने वाले समय में टेंपरेचर में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा.
जिस तरह से इस बार के मौसम बदल रहा है वे भी डराने वाला है. ठंड के दौरान कड़कड़ाती ठंड से दिल्ली-एनसीआर वाले पूरे महीने ठिठुरते रहे. लेकिन अब फरवरी के मौसम में ही गर्मी का अहसास होने लगा है.लोगों ने स्वेटर पहनना छोड़ दिया है. हवा के रुख में बदलाव के कारण आज से दिन का तापमान बढ़ने की भविष्यवाणी कर दी गई है. मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को अधिकतम तापमान 28 और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रह सकता है. वहीं शुक्रवार को अधिकतम तापमान 29 डिग्री जा सकता है जबकि न्यूनतम तापमान 12 डिग्री तक पहुंच सकता है.
इस बार कड़कड़ाती ठंड के कारण ऐसा अनुमान था कि ये मौसम कुछ दिन लंबा खिंच सकता है लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. मौसम विभाग की माने तो इस साल अल नीनो का पैटर्न प्रशांत महासागर में बन रहा है अगर ये पैटर्न जारी रहा तो इस साल भीषण गर्मी और लू चलने की संभावना है.
जिस तरह से मौसम ने करवट ले ली है वो चिंताजनक है। मौसम वैज्ञानिकों ने अल नीनो का असर दक्षिण हिस्से में होने की भविष्यवाणी भी कर चुके हैं. मध्य और पश्चिमी प्रशांत महासागर की सतह पर बदलते तापमान को भी अल नीनो का बढ़ते असर के रूप में देख सकते है. मौसम विभाग ने भी कहा था कि देश में जुलाई से सितंबर तक अल नीनो का प्रभाव रहने की संभावना है. लेकिन गर्मी के बढ़ते प्रकोप ने खतरे के संकते तो दे ही दिए हैं.
वहीं अगर हम पिछले साल की बात करे तो अल नीनो के कारण देश में भीषण गर्मी पड़ी थी. उत्तर भारत के कई हिस्सों में तो रात और दिन के तापमान में जोरदार बढ़ोतरी देखने को मिली थी. कुछ दिन पहले केंद्रीय पृथ्वी और विज्ञान मंत्री एम राजीवन ने कहा था कि अल नीनो एक चिंता का सबब तो है ही. इससे मॉनसून कमजोर हो जाता है. हालांकि एम राजीवन ने कहा कि इसपर कुछ पुख्ता जानकारी मार्च-अप्रैल तक ही मिल सकती है.
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