नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने परिवार के प्रति बहुत भावुक हैं। खासकर अपनी भतीजी दमयंती बेन मोदी से उनका खास लगाव है। मोदी जी अक्सर सार्वजनिक जीवन में व्यस्त रहते हैं, लेकिन उनके दिल में अपने परिवार के लिए हमेशा जगह रहती है। एक बार उनकी भतीजी के साथ एक घटना ने उन्हें भी हिला दिया, जब दिल्ली में उनके साथ झपटमारी हुई।
घटना उत्तरी दिल्ली के वीवीआईपी इलाके सिविल लाइंस में हुई थी, जहां दमयंती बेन मोदी अपने परिवार के साथ गुजराती समाज भवन पहुंची थीं। जैसे ही वह ऑटो से उतरने लगीं, स्कूटी सवार दो बदमाशों ने अचानक झपट्टा मारा और उनका पर्स छीनकर फरार हो गए। पर्स में करीब 56 हजार रुपये, दो मोबाइल और अहम दस्तावेज थे। उस समय दमयंती बेन को अहमदाबाद की फ्लाइट पकड़नी थी, लेकिन सारे दस्तावेज खो जाने से वह चिंता में थीं।
दिल्ली पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया और इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जांच के दौरान नोनू नाम के आरोपी की पहचान हुई, जो सोनीपत के बड़वानी गांव में छिपा हुआ था। पुलिस ने वहां छापेमारी की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। दमयंती बेन का पर्स और अन्य सामान भी पुलिस ने बरामद कर लिए थे ।
यह घटना दिल्ली के सबसे सुरक्षित क्षेत्रों में से एक, सिविल लाइंस में हुई थी, जहां दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का भी निवास है। इतनी सुरक्षा के बावजूद दिनदहाड़े यह झपटमारी होना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है। घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने अपने काम में तेजी दिखाई और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस घटना के बाद जो भावनात्मक पक्ष सामने आया, वह यह बताता है कि वे कितने पारिवारिक व्यक्ति हैं। उनकी व्यस्तता और जिम्मेदारियों के बावजूद, उनका परिवार उनके दिल के बेहद करीब है। इस घटना ने उन्हें भी सोचने पर मजबूर किया होगा कि चाहे व्यक्ति कितनी भी ऊंची कुर्सी पर बैठा हो, लेकिन परिवार और उससे जुड़ी चिंताएं हमेशा साथ रहती हैं। इस घटना के बाद, भले ही पुलिस ने तत्परता से काम किया, लेकिन मोदी जी का अपने परिवार के प्रति जो प्रेम है, वह इस बात से जाहिर होता है कि भतीजी के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं। उनके जीवन में परिवार का स्थान हमेशा ऊंचा रहा है, और यह घटना उनके मानवीय पक्ष को और उजागर करती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पारिवारिक जीवन बेहद साधारण रहा है। उनका जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से राजनीति में ऊंचा मुकाम हासिल किया, लेकिन उनका दिल हमेशा परिवार के लिए धड़कता है। कल, 17 सितंबर को उनका जन्मदिन है, और यह खास अवसर उनके परिवार और समर्थकों के लिए बेहद खास होता है। अपने परिवार के प्रति उनका प्यार और स्नेह इस बात से साफ झलकता है कि उनकी भतीजी दमयंती बेन के साथ हुई घटना ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया है।
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