देश-प्रदेश

ये है भारतीय वायु सेना की सबसे खतरनाक स्पेशल फ़ोर्स, नाम सुनते ही थर-थर कांपते हैं दुश्मन

नई दिल्ली। भारतीय सेना की वीरता से वैसे तो पूरा जग परिचित है मगर हमारी सेना की स्पेशल फोर्स का इतिहास और खासियत आपको गौरन्वित कर देंगा। हम बात कर रहे हैं भारतीय वायुसेना की गरुड़ कमांडो की। इसे उन स्पेशल फोर्सेज में गिना जाता है जिनका नाम सुनते ही दुश्मन कांपने लगते हैं। इस फोर्स का हिस्सा होना बहुत कठिन है। इसकी ट्रेनिंग को पूरा करना अपने आप में एक उपलब्धि है। आपको बता दें एक हजार दिन के कठोर प्रशिक्षण के बाद तैयार होता गरुड़ कमांडो। आज हम आपको इसकी खासियत और इतिहास के बारे में बताएंगे।

ऐसे हुआ गरुड़ फोर्स का गठन

2001 में जम्मू-कश्मीर में भारतीय वायुसेना के दो एयरबेस पर आतंकियों ने हमला किया था। इन हमलों के बाद वायु सेना बेस की सुरक्षा और जवाबी कार्रवाई के लिए कमांडो फोर्स की जरूरत महसूस की गई। इसके बाद वायुसेना ने अपनी चयन प्रक्रिया तैयार की और 2004 में गरुड़ कमांडो फोर्स का गठन किया। इस फोर्स को पैरा एसएफ और भारतीय नौसेना के MARCOS की तर्ज पर तैयार किया गया।

जहां MARCOS और पैरा SF में चयन के लिए विभिन्न सैन्य इकाइयों से कमांडो को बुलाया जाता है और उनका परीक्षण किया जाता है, वहीं गरुड़ कमांडो का चयन सेना द्वारा किया जाता है और वे इसके स्थायी कर्मी होते हैं। हर वायुसेना स्टेशन पर तैनात गरुड़ कमांडो के 60 से 70 सदस्यों की टीम का नेतृत्व एक स्क्वाड्रन लीडर या फ्लाइट लेफ्टिनेंट रैंक का अधिकारी करता है।

हर जगह दिखा रहे शौर्य

शुरुआत में इस कमांडो फोर्स को सिर्फ एयरफोर्स बेस और काउंटर इंसर्जेंसी के लिए रखा गया था। हालांकि, समय के साथ उनकी उपयोगिता को देखते हुए अब देश की हर मुश्किल परिस्थिति में गरुड़ कमांडो की तैनाती की जा रही है। हाल ही में इस कमांडो फोर्स को भारत-चीन और मराठों के बीच अहम चोटियों पर तैनात किया गया था। इसके साथ ही इन्हें 2019 से जम्मू-कश्मीर के आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल ऑपरेशन डिवीजन में शामिल किया गया है जिसे तालिबान के खिलाफ कार्रवाई में शामिल किया जा रहा है।

Also Read-अमेरिका में पीएम मोदी को देखते ही रोने लगी ये प्रवासी महिला, कहा-आज मेरे भगवान मिल गए हैं

देव दीपावली पर 12 लाख दीपों से जगमगाएगा वाराणसी घाट, होटलों की बुकिंग जारी

Neha Singh

निर्भीक और बेबाक हूं। शब्दों से खेलना अच्छा लगता है। देश दुनिया की व्यवस्थाएं चाहे वो अच्छी हो या बुरी जनता तक बिना किसी परत के पहुंचाना चाहती हूं, इसलिए पत्रकार भी हूं। राजनीति में रुचि है, साथ ही कभी कभी इतिहास के पन्ने भी खोल कर देखती रहती हूं।

Recent Posts

ऊनी कपड़ों के रोएं से हैं परेशान, अपनाएं ये आसान तरीका

ठंड मौसम में खान-पान में बदलाव के साथ-साथ लोग शरीर को गर्म रखने के लिए…

13 minutes ago

होंडा एक्टिवा इलेक्ट्रिक स्कूटर 27 नवंबर को होगा लॉन्च, जाने रेंज और फीचर्स

होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया अपनी मोस्ट अवेटेड एक्टिवा इलेक्ट्रिक स्कूटर को 27 नवंबर, 2024…

15 minutes ago

बोर्ड परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स न लें प्रेशर, बहुत काम की ये टिप्स

सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं की 2025 की बोर्ड परीक्षाओं की डेटशीट जारी कर दी…

30 minutes ago

सीडैक नोएडा में 199 कॉन्ट्रैक्ट पदों पर निकली भर्ती, 5 दिसंबर तक करें आवेदन

सीडैक नोएडा (सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग) ने 2024 के लिए विभिन्न कॉन्ट्रैक्ट पदों…

30 minutes ago

सर्दियों में चटकारे लगाकर खाएं मक्के की रोटी, मिलेगा बहुत सारे फायदें

ठंड के मौसम में अगर आपको घी लगी गर्मागर्म मक्के की रोटी और उसके बाद…

48 minutes ago

छोटी से मोमबत्ती ने मचाया हाहाकार, घर में लगी आग झुलस गया पूरा परिवार

भागलपुर जिले में एक दर्दनाक हादसे की घटना सामने आई है. घटना की जानकारी के…

56 minutes ago