नई दिल्ली। भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणी पर भारत को अरब देशों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। अरब देशों की आपत्ति पर भारत सरकार को लगातार सफाई देनी पड़ रही है। इससे पहले भी दो मामलों में ऐसी स्थिति देखने को मिली थी। आइये जानते हैं वह दोनों मामले… पहला मामला […]
नई दिल्ली। भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा की टिप्पणी पर भारत को अरब देशों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। अरब देशों की आपत्ति पर भारत सरकार को लगातार सफाई देनी पड़ रही है। इससे पहले भी दो मामलों में ऐसी स्थिति देखने को मिली थी। आइये जानते हैं वह दोनों मामले…
2015 में सांसद तेजस्वी सूर्या ने सऊदी अरब की महिलाओं को लेकर एक ट्वीट किया था। अरब देशों की निंदा के बाद तेजस्वी ने ट्वीट को डिलीट कर सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी।
अप्रैल 2020 में जब निजामुद्दीन मरकज पर कोरोना फैलाने का आरोप लगा तो अरब देशों ने इसकी आलोचना की। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सफाई देते हुए कहा, ‘कोविड-19 जाति, धर्म, रंग, पंथ, भाषा या सीमाएं नहीं देखता।
जैसा की आप सभी जानते हैं पैगम्बर मोहम्मद पर दिए गए विवादित टिप्पणी पर अब देश में बवाल मचा हुआ हुआ है. ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड से लेकर मुस्लिम समुदाय से जुड़े संगठनों ने नुपूर की गिरफ्तारी को लेकर मोर्चा खोल दिया है। नुपूर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी भी शुरु हो गई है। नुपुर शर्मा के खिलाफ मुंबई के पायधुनि थाने में कुछ दिन पहले रजा एकेडमी ने केस दर्ज करवाया था। मुस्लिम संगठन के द्वारा लगातार नुपूर की गिऱफ्तारी की मांग की जा रही है।
बता दें कि एक टीवी चैनल की डिबेट में नुपूर शर्मा ने कथित तौर पर पैगम्बर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की। जिसको लेकर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भड़क गए। तो वहीं इस वीडियो के वायरल होने के बाद नुपूर शर्मा ने कहा था कि ये वीडियो एडिट किया गया है जिसे एक फैक्ट चेकर की ओर से रिलीज किया गया है। इस वीडियो के सामने आने के बाद उन्हें इस्लामिक कट्टरपंथियों की धमकियां मिलने लगीं।
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