UPSC Topper: ‘न कोचिंग न लाखों का खर्च’, बक्सर की बेटी गरिमा ऐसे बनी सेकेंड टॉपर

बक्सर: UPSC परीक्षाओं में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली गरिमा लोहिया ने आज विश्वामित्र की नगरी बक्सर का मान बढ़ा दिया है. आखिर मान बढ़े भी क्यों ना, उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सिविल सेवा की परीक्षा में दबदबा रखने वाला बिहार किसी से कम नहीं है. दरअसल सिविल सेवा 2022 […]

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UPSC Topper: ‘न कोचिंग न लाखों का खर्च’, बक्सर की बेटी गरिमा ऐसे बनी सेकेंड टॉपर

Riya Kumari

  • May 23, 2023 4:34 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

बक्सर: UPSC परीक्षाओं में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली गरिमा लोहिया ने आज विश्वामित्र की नगरी बक्सर का मान बढ़ा दिया है. आखिर मान बढ़े भी क्यों ना, उन्होंने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सिविल सेवा की परीक्षा में दबदबा रखने वाला बिहार किसी से कम नहीं है. दरअसल सिविल सेवा 2022 का फाइनल रिजल्ट आज यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने घोषित कर दिया है. रिजल्ट आने के बाद बक्सर नगरी के लिए आज का दिन मान-सम्मान से भरा है क्योंकि UPSC की दूसरी टॉपर गरिमा लोहिया यहीं से हैं. हैरानी की बात ये है कि गरिमा ने बिना किसी कोचिंग और खर्चे के UPSC की परीक्षाओं में टॉप किया है. आइए जानते हैं उन्हें इसके लिए कितने पापड़ बेलने पड़े.

पहली बार हो गईं थीं फेल

गरिमा लोहिया ने सिविल सेवा की परीक्षा के लिए घर बैठे पढ़ाई की. एक समाचार चैनल से बात करते हुए गरिमा ने बताया कि उन्होंने ठान लिया था कि उन्हें जीवन में कुछ करना है. भले ही उनकी राह में कितनी भी बाधाएं आएं वह बस कुछ कर दिखाना चाहती थीं. उनके हौसला कभी भी डगमगाया नहीं. उन्होंने इस कठिन एग्जाम को क्रैक करने के लिए किताबों और गूगल का सहारा लिया. बिना कोचिंग के गरिमा तैयारी कर रही थी और उन्होंने दूसरे ही प्रयास में एग्जाम निकाल लिया. पहले प्रयास में वह असफल हो गई थीं जिससे उनके माता-पिता दुखी हो गए थे. लेकिन गरिमा बताती हैं कि उनके माँ-पापा को उनपर उनसे भी अधिक यकीन था.

 

बक्सर से ही की पढाई

गरिमा बताती हैं कि उन्होंने 10 वीं की पढ़ाई बक्सर से पूरी की. असली बाधा उन्हें आगे की शिक्षा हासिल करने में आई क्योंकि बक्सर एक छोटा शहर था जहां आज भी अच्छे स्कूल और कॉलेज की कमी है. गरिमा को इंटर की पढ़ाई के लिए वाराणसी भेजा गया. यहां के सनबीम स्कूल से गरिमा ने 12वीं की पढाई की और परीक्षा पास करने के लिए वह दिल्ली आ गई और किरोड़ीमल महाविद्यालय में बीकॉम में दाखिला लिया. गरिमा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने मां-पापा को दिया है.

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