नई दिल्ली. हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस धूम-धाम से मनाया जाता है, हिंदी भाषी लोगों के लिए तो ये दिन किसी उत्सव से कम नहीं होगा लेकिन सोशल मीडिया के ज़माने में हिंदी दिवस अब एक रूटीन कार्यक्रम बन कर रह गया है और अब इस दिन रस्म अदायगी ज्यादा देखने को मिलती है. हिंदी दिवस मनाने की परंपरा शुरू होने से सैकड़ों वर्ष पहले से ही हिंदी हमारे रगों में बसी हुई है, हमारे नस-नस में व्याप्त थी. इन सैकड़ों वर्षों में हिंदी ने अपनी एक लंबी विकास यात्रा पूरी की है जिसमें हिंदी का रंग-ढंग, चाल-चलन, शैली, अंदाज़ और स्वरुप भी बदल गया है.
आज के समय में हिंदी को भी लोग अपने स्टेटस से तौलने लगे हैं, अंग्रेजी जहाँ स्टेटस सिंबल बन गया है तो वहीं हिंदी औपचारिकता की भेंट चढ़ गया है. आज लोग हिंदी दिवस तो मना रहे हैं, लेकिन इसकी विडंबना तो देखिए लोग हिंदी दिवस भी अंग्रेजी में लिखकर विश कर रहे हैं.
ऐसे में, जहाँ सोशल मीडिया पर हिंदी का बदलता स्वरुप देखने को मिल रहा है तो वहीं सोशल मीडिया पर एक प्रिस्क्रिप्शन भी इस समय काफी तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आप भी खुश हो जाएंगे.
आमतौर पर आपने देखा होगा कि डॉक्टर जो प्रिस्क्रीप्शन लिखते हैं वह अंग्रेजी में होता है और आम लोगों को ये कम ही समझ आता है, लेकिन हिंदी दिवस के मौके पर एक अस्पताल ने बहुत ही सुुंदर अक्षरों में मरीजों के लिए हिंदी में प्रिस्क्रीप्शन लिखा है, हिंदी में उपचार केे लिए लिखी गई इस पर्ची में दवा का नाम भी हिंदी में ही लिखा गया था और दवा कैसे खानी है और कब खानी, इसकी जानकारी भी हिंदी में ही गई थी.
यह पर्चा फेलिक्स अस्पताल का है, इस पर्चे में दवाइयां और दवाई खाने का समय सब कुछ बहुत ही सुंदर हिंदी में लिखा हुआ है. आज भले ही सोशल मीडिया के ज़माने में हिंदी का स्वरूप बदल गया हो, लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसी चीज़ें देखकर लगता है कि कहीं न कहीं आज भी हिंदी की बिंदी ज़िंदा है!
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