नई दिल्ली। इतिहास में एक ऐसा भी हिंदू शासक था, जिसने अरब आक्रमणकारी सेनाओं को इतनी बार हराया कि अगले 400 वर्षों तक किसी भी “मुस्लिम शासक” ने भारत की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं की। बहुत बाद में “मोहम्मद गजनी” ने भारत पर आक्रमण करने का साहस किया और हिंदू राजाओं से कई बार पराजित हुआ। हम बात कर रहे हैं भारत के महान शासकों में से एक बप्पा रावल की।
विकिपीडिया के अनुसार, बप्पा गुहिल वंश के संस्थापक गुहादत्त के नौवें वंशज थे और वे मेवाड़ राजवंश के संस्थापक थे। आपको बता दें कि बप्पा रावल वर्तमान राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र के 8वीं शताब्दी के शासक थे। बप्पा रावल को अरब आक्रमणकारियों के खिलाफ लड़ाई के लिए उनकी बहादुरी के लिए जाना जाता है। बप्पा ने अरब आक्रमणकारियों को सिंध तक खदेड़ दिया था।आपको बता दें कि बप्पा रावल की वीरता और नेतृत्व ने उन्हें राजपूत गौरव और वीरता का प्रतीक बना दिया। महाराणा संग्राम सिंह (राणा सांगा), उदय सिंह और महाराणा प्रताप जैसे महान और बहादुर शासक बप्पा रावल के वंश में ही पैदा हुए थे।
मुस्लिम आक्रमणकारियों को भगाने के बाद बप्पा रावल ने उनके पीछे चौकियां बनवाई थीं। ये चौकियां आक्रमणकारियों पर नज़र रखती थीं। इसी तरह गजनी क्षेत्र में भी चौकियां बनाई गईं। बप्पा रावल ने यहां चौकियां बनवाईं और कुछ दिन रुके। उन्होंने यहां कुछ शादियां भी कीं। उनके नाम पर ही पाकिस्तान में इस जगह का नाम रावलपिंडी रखा गया। कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बप्पा रावल की लगभग 100 पत्नियां थीं, जिनमें उनकी 35 मुस्लिम रानियां थीं।
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