17 सालों में ऐसा पहली बार हुआ, दिल्ली में घटी गाड़ियों की संख्या

नई दिल्ली: दिल्ली की हवा दिन-पर-दिन जहरीली होती जा रही है। इन्हीं सब के बीच एक खबर यह भी सामने आ रही है कि दिल्ली की गाड़ियों की संख्या में भारी कमी आई है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 में राजधानी में रजिस्टर्ड गाड़ियों की संख्या घटकर 79.17 लाख रह गई। साल 2020-21 में यह संख्या […]

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17 सालों में ऐसा पहली बार हुआ, दिल्ली में घटी गाड़ियों की संख्या

Amisha Singh

  • March 22, 2023 10:40 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: दिल्ली की हवा दिन-पर-दिन जहरीली होती जा रही है। इन्हीं सब के बीच एक खबर यह भी सामने आ रही है कि दिल्ली की गाड़ियों की संख्या में भारी कमी आई है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2021-22 में राजधानी में रजिस्टर्ड गाड़ियों की संख्या घटकर 79.17 लाख रह गई। साल 2020-21 में यह संख्या 1 करोड़ 22 लाख 53 हजार 350 थी। आपको बता दें कि दिल्ली परिवहन विभाग ने हाल के महीनों में करीब 50 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया है। बता दें, रद्द की गई गाड़ियों में से 10 साल से ज़्यादा पुराने डीजल वाहन और 15 साल से ज़्यादा पुराने पेट्रोल की गाड़ियां शुमार है।

 

राजधानी में 1 करोड़ से ज़्यादा गाड़ियां

आदेश के तहत नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को इंपाउंड किया जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2005-06 में दिल्ली में वाहनों की वार्षिक वृद्धि 8.13% थी जो 2020-21 में घटकर 3.03% रह गई। हालांकि इसी अवधि में प्रति हजार जनसंख्या पर गाड़ियों की संख्या 317 से बढ़कर 655 हो गई। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में 122.53 लाख गाड़ियां हैं। कार और जीप की बात करें तो यह रजिस्टर्ड गाड़ियों का लगभग 28 प्रतिशत है, जबकि टू-व्हीलर्स गाड़ियां कुल रजिस्टर्ड गाड़ियों का लगभग 67 प्रतिशत हैं।

 

जानें इसके पीछे की वजह

आपको बता दें, साल 2021 में दिल्ली में पंजीकृत वाहनों की संख्या में तेजी से गिरावट आई है और 79 लाख 17,898 गाड़ियां ही बची हैं। इस तरह 43 लाख 35 हजार 452 गाड़ियां कम हो गई। आपको बता दें, दिल्ली की गाड़ियों की संख्या में यह कमी 35.4% है। दिल्ली सरकार की ओर से सोमवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह बात कही गई है। आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट के मुताबिक 17 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली में रजिस्टर्ड गाड़ियों की संख्या में कमी आई है। इसका एक बड़ी वजह यह है कि दिल्ली सरकार ने 10 साल से ज़्यादा पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से ज़्यादा पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर रोक लगा दी है।

 

रिपोर्ट में खुलासा

तमाम रिपोर्ट्स की मानें तो राजधानी दिल्ली की हवा में पीएम2.5 की मात्रा निर्धारित मानक से काफी अधिक है। साल 2021 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी गाइडलाइंस में हवा में मौजूद 6 प्रदूषणकारी तत्वों के लिए मानक तय किया है. जिसके अनुसार पीएम 2.5 प्रति घन मीटर की औसत मात्रा एक वर्ष में 5 माइक्रोग्राम और 24 घंटे में 15 माइक्रोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए।

 

खराब हवा 18 गुना ज्यादा

आपको बता दें, वर्ष 2022 में दिल्ली में हवा के प्रत्येक घन मीटर में पीएम2.5 की मात्रा 92.6 माइक्रोग्राम थी। यह राशि निर्धारित मानक से 18 गुना अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के लोग 24 घंटे में से महज एक घंटे के लिए स्वच्छ हवा में सांस ले सके। वातावरण में मौजूद पीएम 2.5 हमारे बालों से 100 गुना छोटा है। यह बहुत खतरनाक प्रदूषक है। हवा में इनकी मात्रा बढ़ने से दृश्यता भी प्रभावित होती है। ये सूक्ष्म कण हमारे शरीर में प्रवेश कर रक्त में मिल जाते हैं। क्‍योंकि दमा और साँस लेने में तकलीफ जैसी परेशानियां हो जाती हैं।

 

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