ज्योतिषाचार्य नंदिता पांडे ने बताया कि चंद्र ग्रहण के कारण निकलने वाली किरणों के नकारात्मक प्रभाव से कैसे बचा जा सकता है. आज चंद्र ग्रहण की इस घटना को 1866 के बाद अब यानि डेढ़ सौ साल बाद देखा गया है.
नई दिल्ली. आज शाम साल 2018 का पहला चंद्र ग्रहण लगा. इस ग्रहण को सूपर ब्लड ब्लू मून भी कहा जा रहा है. सूपर मून और ब्लू मून के नाम से जाने जा रही इस खगोलीय घटना को 1866 के बाद अब यानि डेढ़ सौ साल बाद देखा गया. इतने लंबे अंतराल के बाद घटी इस घटना को लेकर लोग अब अच्छे बुरे बदलावों के कयास लगाने में जुटे हैं. ऐसे में इनखबर के एक कार्यक्रम में पहुंचीं आध्यात्मिक गुरु नंदिता पांडे ने इसके प्रभावों पर चर्चा करते हुए बताया कि जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तब वह चंद्रमा पर पड़ने वाली सूरज की किरणों को रोकती है और उसमें अपनी छाया बनाती है. इसी घटना को चंद्र ग्रहण कहा जाता है. वहीं जब चंद्रमा अपने वास्तविक आकार से बड़ा दिखने लगे यानि धरती के ज्यादा नजदीक दिखे तो उसे सुपर मून कहते हैं. नंदिता पांडे ने बताया कि पूर्णमासी में हमेशा ग्रहण पड़ता है लेकिन जब एक माह में दो बार पूर्णमासी आती है तो उसे ब्लू मून कहते हैं. वहीं जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती और सूर्य की किरणें उसपर पड़ती हैं तो चंद्रमा उसकी पूरी रोशनी नहीं ले पाता और चांद के किनारे में थोड़ी सी लालिमा दिखाई पड़ती है तो उसे ब्लड मून कहते हैं.
नंदिता ने बताया कि सूपर ब्लड ब्लू मून के 15 दिन पहले और बाद कई आपदाओं के आने की संभावना होती है जैसे भूकंप, आगजनी इत्यादी. उन्होंने बताया कि इस बार का चंद्र ग्रहण कर्क राशि में पड़ा है जिससे कि चंद्रमा मन और भावनाओं को काबू करता है. जिस कारण कर्क राशि के जातक अपनी वाणी से कुछ ऐसा बोल सकते हैं जिससे कुछ गलत हो सकता है इसलिए अपनी वाणी को कंट्रोल करें. वहीं अगर आप ऐसे नक्षत्र में पैदा हुए हैं कि आपका चंद्रमा कमजोर है तो ये समय आपके लिए ठीक नहीं रहेगा.
उन्होंने बताया कि जप सिद्धि के लिए ये समय सबसे सही होता है तो किसी भी प्रकार का जप करें. साथ ही बाहर निकलने से बचें क्योंकि आप पर नकारात्मक ऊर्जाओं का प्रभाव आप पर पड़ सकता है. वहीं तरंगे अगर खाने में पड़ती हैं तो भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए ऐसे समय में खाना भी न खाएं. ऐसे में ताकि खाने से सारी नेगेटिव एनर्जी निकाली जा सके उसके लिए खाने में कुशा घास या फिर तुलसी का पत्ता रखें. नंदिता ने बताया कि यदि आप यह भी नहीं कर सकते तो खाने को खाने से पहले तीन बार ऊँ का उच्चारण कर के ही खाना ग्रहण करें ताकि आपके खाने में सिर्फ पोजिटिविटी ही रह जाए.
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