नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2 साल की सजा मिलने के बाद उनकी संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई है. उन्हें चार साल पुराने मोदी सरनेम मामले में गुरुवार को सूरत जिला अदालत ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी. विवादित भाषण पर सजा मिलने के एक दिन बाद उनकी संसदीय सदस्यता भी […]
नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को 2 साल की सजा मिलने के बाद उनकी संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई है. उन्हें चार साल पुराने मोदी सरनेम मामले में गुरुवार को सूरत जिला अदालत ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई थी. विवादित भाषण पर सजा मिलने के एक दिन बाद उनकी संसदीय सदस्यता भी रद्द कर दी गई. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब किसी सांसद की सदस्यता कोर्ट के फैसले के बाद गई है. इससे पहले भी कई मामलों में नामी राजनेता कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने पर अपनी सदस्यता खो चुके हैं. आइए जानते हैं कौन राजनेता हैं इस लिस्ट में शुमार.
इस लिस्ट में सबसे पहला नाम RJD प्रमुख लालू यादव का आता है जिन्हें 2013 में चारा घोटाले से जुड़े मामले में सजा हुई थी। सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए उनकी संसदीय सदस्यता रद्द कर दी गई थी. गौरतलब है कि लालू पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान का नाम भी इसी लिस्ट में शुमार है जिनसे रामपुर सदर विधायकी छिन गई है. इसके पीछे की वजह उनकी एक हेट स्पीच है जिसमें उन्हें सजा सुनाई गई थी.
तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता एक नहीं बल्कि दो बार अपनी विधायकी से हाथ धो बैठी थीं. भ्रष्टाचार मामले में पहली बार 2002 में उन्हें सजा हुई। इसके महज दो साल बाद ही साल 2014 में आय से अधिक संपत्ति मामले में भी उन्हें दोषी पाया गया था.
उन्नाव से भाजपा के विधायक रह चुके कुलदीप सिंह सेंगर को भी बलात्कार मामले में तीन साल पहले सजा हुई थी. सजा होते ही उनकी विधायकी ले ली गई थी. इसके अलावा उत्तर प्रदेश में उन नेताओ की काफी लंबी लिस्ट है जिनकी सदस्यता सजा मिलने के बाद रद्द हो गई थी.
इस लिस्ट में एक नाम करप्शन केस में 2013 में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रशीद मसूद को सजा दी गई थी. साल 2015 में भाजपा के बजरंग सिंह की भी विधायकी छिन गई थी. एक केस में आजम खां के बेटे को भी 2020 में और दूसरे में 2022 में सजा हुई थी. इनके अलावा उत्तर प्रदेश से बीजेपी के विक्रम सैनी, खब्बू तिवारी, अशोक चंदेल का भी नाम शामिल हैं जिन्हें अपनी विधायकी गवानी पड़ी थी.
हरियाणा से कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी को भी 2021 में दंगों से जुड़े मामले में सजा सुनाई गई थी. 2001 में चुनाव नियमों के उल्लंघन को लेकर केरल से CPM के पी. जयराजन और ए. राजा (चुनाव फ्रॉड, 2023 में) की भी सदस्यता जा चुकी है. पीसी थॉमस और केएम शाजी का नाम भी इसी लिस्ट में शामिल है.
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